*पाक अधिकृत कश्मीर सहित जम्मू-कश्मीर के विस्थापितों का चिन्हीकरण,कैम्प में बनाये गये प्रमाण पत्र*
हरिद्वार 21 अगस्त (अमर शदाणी संवादाता गोविंद कृपा हरिद्वार) पाक अधिकृत कश्मीर व जम्मू-कश्मीर के विस्थापितों के चिन्हीकरण तथा पुनर्वास योजना के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा देशभर के विभिन्न प्रांतों में जा-जाकर मूल निवास प्रमाण पत्र,आयुष्मान भारत कार्ड,विस्थापन प्रमाण पत्र बनाये जाने का कार्य चल रहा है। इसी क्रम में 20 अगस्त को हरिद्वार स्थित ब्यास आश्रम में जम्मू-कश्मीर से आई टीम में विस्थापित लोगों के प्रमाण बनाये।
जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र उत्तराखंड के सह संयोजक अमित शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में निवास कर रहे विस्थापित कश्मीरी परिवार व POJK के मीरपुर ,कोटली ,बिम्बर ,छम्भ, मुज्जफराबाद ,हटियां, उरी ,पालन्दरी, बाघ ,सुधनुती, गिलगित बल्टिस्तान (POJK) आदि क्षेत्रो से विस्थापित सभी परिवारों के डोमिसाइल व डाक्यूमेंट्स से सम्बंधित व जम्मू कश्मीर में विस्थापन के समय छूटी प्रोपर्टी व अन्य समस्याओं के समाधान के लिए शनिवार को हरिद्वार में जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा एक कैम्प लगाया गया। जिसमे पुनर्वास एवं रिलीफ़ की असिस्टेंट कमिश्नर ऋतिका अरोड़ा अपनी पूरी टीम के साथ मौजूद रही। इस अवसर पर उन्होंने 4 रजिस्ट्रेशन,15 मूल निवास प्रमाण पत्र, 8 आयुष्मान भारत कार्ड तथा 2 विस्थापित प्रमाण पत्र बनाये। उन्होंने बताया कि अधिकारियों की टीम ने मौके पर ही पीड़ित परिवारों को साक्ष्य के आधार पर यह प्रमाण पत्र जारी किए है। जबकि कुछ ऐसे भी परिवार कैम्प में पहुचे जिनके पास वर्तमान में कोई भी साक्ष्य उपलब्ध नही है,लेकिन उनकी संपत्ति आज भी वहां है। इसके सम्बन्ध में उनकी जानकारियां एकत्र की गई है। इनके साक्ष्य खोज के बाद प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन परिवारों को यह प्रमाण पत्र मिले है उनके लिए यह क्षण भावुकता भरा था। पीड़ित परिवारों ने कभी सोचा भी नही था, की जिस मातृ भूमि से उनके परिजनो को भगाया गया था, उसे पुनः पाने का अवसर भी मिल सकता है।इस अवसर पर सम्मान करने के लिए उपस्थित रहे महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद , राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर डोमिसाइल अरुण चौधरी , कोषाध्यक्ष राकेश पाहवा, संरक्षक जगदीश लाल पाहवा, देवेश वशिष्ठ,लीगल हेड अरविंद श्रीवास्तव , राजेश रैना, विकास आदि मौजूद रहे।
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