कांग्रेस, अपने झंडे का का बदले रंगः स्वामी यतीश्वरानंद
देश को आजाद करने के लिए एक आंदोलन के लिए कांग्रेस नाम दिया गया था, परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ने के लिए आजाद भारत के लिए सभी वर्ग के लोग इस संगठन के साथ जुड़ गए थे, लेकिन आजादी के बाद से इसका गलत इस्तेमाल किया गया। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को कांग्रेस के झंडे के रूप में और उसके बीचों
बीच में हाथ के चिन्ह का इस्तेमाल करने को गलत बताया है। उन्होंने तिरंगा के बीच में हाथ के निशान होने का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि तिरंगा में किसी पार्टी का चिन्ह हाथ का निशान होने से देशवासियों की भावना आहत हो रही है। जिसका पुरजोर विरोध जारी रहेगा।
कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा में हाथ का निशान लगाकर उसका उपयोग किया हुआ है। दूर से देखने पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और कांग्रेस के झंडे में कोई फर्क नजर नहीं आता है। ऐसे में सामान्य व्यक्ति भ्रमित रहता है। उन्हें लगता है कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा कांग्रेस का झंडा है। इसका पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का अपमान करार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे देशवासियों की भावना आहत हो रही है। किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के समान अपनी पार्टी के सिंबल बनाने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने मनमानी करते हुए लोगों को भ्रमित करने के लिए यह अनुचित काम किया है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का कहना है कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा से पूरे देशवासियों की भावना जुड़ी हुई है। जिसे भी तिरंगा दिखाई देता है तो उसका सिर सम्मान में झुक जाता है और उसे सैल्यूट भी करते हैं। तिरंगा के तीन रंग लाखों लोगों की शहादत याद दिला देते हैं। देश की सीमा पर शहीद हुए लोगों की याद दिलाता है। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का पूरे विश्व में सम्मान होता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से तिरंगा का उपयोग एक राजनैतिक पार्टी को नहीं करना चाहिए। उन्हें अपना झंडा बदल देना चाहिए।
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