पवित्र छड़ी यात्रा को लेकर जूना अखाड़े के संत मुख्यमंत्री से मिले

 पवित्र छड़ी यात्रा की व्यवस्थाओ के लिये मुख्यमंत्री से मिले जूना अखाड़े का प्रतिनिधि मंडल


यात्रा का उद्देश्य उपेक्षित तीर्थों का जीर्णोद्धार, विशेष वर्ग की सक्रियता पर अंकुश है लगाना-श्रीमहंत हरिगिरि


हरिद्वार  25 सितंबर( गोपाल रावत वरिष्ठ पत्रकार )


श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े द्वारा सनातन परंपरा के अनुसार प्रतिवर्ष निकाले जाने वाली पावन छड़ी यात्रा इस वर्ष 9 अक्टूबर से चारों धाम सहित उत्तराखंड के समस्त पौराणिक स्थलों के लिए रवाना होगी। वही पवित्र छड़ी लेकर अंतरराष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेश पूरी तथा श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरी के नेतृत्व मै संतों का दाल लेकर बागेश्वर रवाना हो गया। बागेश्वर में पवित्र छड़ी को संगम में स्नान कराने के बाद नगर भ्रमण कराया जाएगा, जिसके बाद छड़ी लेकर 26 सितंबर को मायादेवी मंदिर पहुंचेगी। दूसरी ओर पवित्र छड़ी यात्रा की तैयारियों तथा प्रशासनिक व्यवस्थाओं के लिए जूना अखाड़े के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल अंतरराष्ट्रीय सभापति श्री महंत प्रेम गिरि महाराज, अंतर्राष्ट्रीय सचिव श्री महंत महेश पुरी तथा श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून भेंट की। श्री महंत प्रेम गिरी महराज ने पवित्र छड़ी यात्रा भ्रमण कार्यक्रम तथा यात्रा के महत्व को रेखांकित करने के करते हुए मुख्यमंत्री से आवश्यक व्यवस्थाएं किये जाने को लेकर ज्ञापन दिया । प्रतिनिधिमंडल ने पर्यटन ,लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज को भी इस संदर्भ में ज्ञापन दिया। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने बताया कि पवित्र छड़ी यात्रा का प्रारंभ जगतगुरु आद्य शंकराचार्य महाराज ने लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व सनातन वैदिक धर्म की स्थापना के लिए शुरू किया था। जो शंकराचार्य यात्रा के नाम से प्रसिद्ध है। तभी से सनातन धर्म की रक्षा तथा उसकी स्थापना के लिए धरमाचार्यों, अखाड़ो तथा साधू सन्यासियों द्वारा पवित्र यात्रा देश के विभिन्न भागों में निकाली जाती है ।जूना अखाड़े द्वारा भी परंपरागत यात्रा बागेश्वर से प्राचीन काल से निकाली जाती थी लेकिन लगभग लगभग 110 वर्ष पूर्व कतिपय कारणों से यह यात्रा स्थगित हो गई थी । लेकिन 2019 से इसे पुनः प्रारंभ कर दिया गया है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के उपेक्षित पौराणिक तीर्थ स्थलों का जीर्णोद्धार करना, पलायन रोकना व स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में वर्ग विशेष के लोगों की सक्रियता पर अंकुश अंकुश लगाना है। उन्होंने कहा पौराणिक के तथ्यों के आधार पर जहां सनातन धर्म की स्थापना होगी वही तीर्थाटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे श्रीमंहत हरिगिरी महाराज ने कहा छड़ी यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। छड़ी यात्रा 9 अक्टूबर से माया देवी मंदिर जूना अखाड़ा से विधिवत रूप से प्रारंभ होगी। इस पावन यात्रा के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आमंत्रित किया गया है । इससे पूर्व  पवित्र छड़ी बागेश्वर से नगर भ्रमण तथा बाग नाथ महादेव मंदिर में पूजा अर्चना के बाद हरिद्वार मायादेवी में स्थापित की जाएगी । जहां से 8 अक्टूबर से पवित्र छड़ी हरिद्वार नगर में भ्रमण करेगी । नगर के सभी प्रमुख अखाड़ों,आश्रमों,मठों तथा मंदिरों में पूजा अर्चना हेतु  जाएगी । नगर भ्रमण के दौरान पवित्र छड़ी मनसा देवी ,चंडी देवी ,दक्षेश्वर महादेव, बिल्केश्वर महादेव दक्षिण काली मंदिर, दत्तात्रेय चौक ,बाल्मीकि चौक,शिवमूर्ति मूर्ति चौक, तुलसी चौक, शंकराचार्य चौक,श्री चंद्राचार्य चौक आदि स्थानों पर पूजा अर्चना हेतु जाएगी। पूजा अर्चना के बाद 9 अक्टूबर को भ्रमण के लिए रवाना होगी। उन्होंने कहा पवित्र छड़ी यात्रा का समापन 1 नवंबर को माया देवी मंदिर जूना अखाड़ा में होगा । 

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