नरेंद्र सिंह नेगी के नए गीत ने उत्तराखंड की राजनीति को दिखाया आईना

 

उत्तराखंड के गढ़रत्न कहे जाने वाले सुप्रसिद्ध लोकप्रिय लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी (नेगी दा) का सरकारी नौकरियों में परिवारवाद भाई-भतीजावाद पर गाया गया नया गीत एक बार फिर सुर्खियों में हैं। अतीत में भी अपने बेबाक गीतों से नेगी दा उत्तराखंड की राजनीति के प्याले में तूफान मचा चुके हैं। पिछली नारायण दत्त तिवारी सरकार का तख्ता पलटने में श्री नरेन्द्र सिंह नेगी का नौ छमी नारेणा गीत खूब चर्चाओं में रहा था।

विख्यात लोकगायक श्री नरेन्द्र सिंह नेगी अपने समय-समय गाये गये गीतों के जरिये राज्य की सरकारों, हुक्मरानों और राजनेताओं पर बेलाग तंज करने के लिए अभी पिछले दिनों से राज्य सरकार के मंत्रियों एवं ऊंची पहुंच के लोगों द्वारा सरकारी नौकरियों में परिवारवाद और भाई-भतीजावाद की घपलेबाजी पर अपने नये गीत के माध्यम से सरकारी व्यवस्था पर खड़ा प्रहार किया है। श्री नरेन्द्र सिंह नेगी का इस बार वर्तमान राजनीति पर गाया गया गीत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। 

हम तो प्रजा के प्रजा रह गयेलोकतंत्र में , नेता बन गए राजा लोकतंत्र में ।

नरेंद्र सिंह नेगी के गीत ने उत्तराखंड  राजनीति को दिखाया आईना


अपने नये गीत में लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी गा रहे हैं कि लोकतंत्र में जनसेवक राजा हो गए हैं और प्रजा केवल पांच साल में एक केवल वोट देने के लिए ही रह गई है। साथ ही वह अपने गीत के बोल में यह भी कह रहे हैं कि लोकतंत्र में सिर्फ मंत्री विधायकों एवं ऊंची पहुंच वालों के ही रिश्तेदार सरकारी नौकरियों में योग्य हैं और (जनता) प्रजा योग्य पढ़ी-लिखी होने के बावजूद भी किसी काम की नहीं रह गई है। निश्चित रूप से राजनेताओं ने जनता का उपयोग केवल वोट के लिए ही किया है। श्री नरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा गाया गये नये गीत के बोल इस प्रकार हैं।

हम त प्रजा का प्रजा ही 

              रह ग्यां लोकतंत्र मा....

तुम जन सेवक राजा 

                व्हैग्या लोकतंत्र मा। 

जनता सढ़कियों मा

              भ्रष्टाचार से लड़नी चा... तुम नेता भ्रष्टाचार मा 

             साझा व्हैग्या लोकतंत्र मा। 

फल फूललू राज्य 

               हमारू जब चैन से....

फल लगनी डाला, 

           काचा ख्यैग्या लोकतंत्र मा। 

तुम्हरे ही परिजन यख,

              छन नौकर्यूं काबिल..... 

हम बल काम न काजा,

               का व्हैग्या लोकतंत्र मा। 

करनी धरनी कुछ नी,

               तुम बस भौंपू बजौंदा... 

नेता जी तुम अब,

               बाजा व्हैग्या लोकतंत्र मा। 

अब न चलण दूयोला,

                 तुम्हरी धांधलबाजी....

 अलसे गै छा....

               ताजा व्हैग्या लोकतंत्र मा।

(कमल किशोर डुकलान रूडकी )


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