शांतिकुंज में सर्वपितृ अमावस्या पर हजारों लोगों ने किया तर्पण

 सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या को शांतिकुंज में कई हजार ने किया श्राद्ध  कर्म संस्कार

श्राद्ध तर्पण बंधन मुक्ति का मार्ग ः डॉ पण्ड्या



हरिद्वार, 25 सितम्बर( अमर शदाणी संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार)  सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के अवसर पर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में तीन अलग अलग स्थानों पर सामूहिक श्राद्ध तर्पण संस्कार सम्पन्न हुआ। इस दौरान कुल अठ्ठारह पारियों में कई हजारों श्रद्धालुओं ने अपने पितरों, पूर्वजों को याद करते हुए श्रद्धा भाव से श्राद्ध कर्म संस्कार किया।  इस दौरान श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों के साथ ही विभिन्न आपदाओं एवं दुर्घटनाओं में हताहत हुए मृतात्माओं की आत्मिक शांति एवं सद्गति के लिए श्रद्धांजलि दी।

अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजों की याद में श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म निश्चित रूप से फलदायी होता है और श्राद्धकर्म के पश्चात पौधे रोपने से यह फल कई गुना बढ़ जाता है। हिन्दु संस्कृति के अनुसार आश्विन मास का कृष्ण पक्ष पितरों के लिए समर्पित होता है। क्भ् दिनों तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष में पौधारोपण, पंचबलि यज्ञ, सद्ज्ञान का प्रचार-प्रसार आदि कई ऐसे कार्य हैं, जिससे इहलोक-परलोक सुधरता है और समाज को प्रेरणा मिलती है।

इस दौरान आचार्यों ने पितरों पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए कम से कम एक फलदार या छायादार वृक्ष लगाने का संकल्प लेने के लिए श्रद्धालुओं को प्रेरित किया। साथ ही पतित पावनी गंगा सहित समस्त जलस्रोतों को निर्मल बनाये रखने में स्वयं के साथ अपने निकटस्थ पाँच परिवार को तैयार करने के लिए प्रेरित किया। उल्लेखनीय है कि शांतिकुंज  संस्कार में उपयोग होने वाली समस्त पूजन सामग्री श्रद्धालुओं को निःशुल्क उपलब्ध कराता है।

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शांतिकुंज में आश्विन नवरात्र के साधक हुए संकल्पित

हरिद्वार, २५ सितम्बर।

गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आये सैकड़ों गायत्री साधक ने आश्विन नवरात्रि अनुष्ठान के लिए संकल्पित हुए। शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता ने उन्हें अनुष्ठान के विधि विधान की विस्तृत जानकारी दी। कहा कि गायत्री का सिद्ध तीर्थ है शांतिकुंज। यहाँ किया जाने वाला गायत्री अनुष्ठान विशेष फलदायी होता है।

पांच अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्र साधना अनुष्ठान के साथ ही गायत्री साधकों के लिए विशेष सत्संग का आयोजन भी निर्धारित है। तो वहीं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के मृत्युजंय सभागार में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी श्रीमद्भगवत गीता में भक्त, भक्ति एवं भगवान की महिमा विषय नित्य प्रति सायं युवाओं एवं साधकों को संबोधित करेंगे।

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