जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को भारत रत्न देने की संत जनों ने की मांग

 जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को दिया जाए भारत रत्न सम्मान :- महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश 

हरिद्वार 12 सितंबर ( संजय वर्मा )द्वारिका ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन हो जाने पर संत समाज की और से शोक सभा आयोजित की गई , जिसमें अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज, पूर्व गृह राज्य मंत्री भारत सरकार स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ,महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद ,श्रीमहंत देवानंद सरस्वती , स्वामी ऋषिश्वरानंद , सहित विभिन्न अखाड़ों के पदाधिकारियों ने शंकराचार्य मठ में ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की , इस अवसर पर प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने भारत सरकार से मांग करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज सनातन हिंदू धर्म के संरक्षक, संवर्धक रहे हैं , वे लगभग 45 वर्षों तक ज्योतिष शारदा पीठ पर विराजमान रहे हैं ,स्वतंत्रा सेनानी, गौ रक्षक के रूप में उनकी भूमिका को सदैव याद याद किया जाता रहेगा।  अध्यात्म जगत की ऐसी महान विभूति को जिसका जीवन सनातन हिंदू धर्म , गंगा की रक्षा के लिए समर्पित रहा ,जिन्होंने स्वतंत्र संग्राम में विशेष योगदान दिया । ऐसे महान संत को भारत सरकार विशिष्ट नागरिक अलंकरण भारत रत्न से सम्मानित करें । महामंडलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश महाराज ने कहा कि उनका सम्मान संपूर्ण संत  समाज का सम्मान होगा साथ ही इस अवसर पर जयराम आश्रम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी  महाराज के संयोजन में श्री जयराम आश्रम में भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया । जिसमें आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज के सानिध्य में संत जनों ने ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को स्मरण करते हुए कहा कि शंकराचार्य मठ बनने से पूर्व श्री जयराम आश्रम ही उनकी तपस्थली हुआ करता था। जब-जब महाराज श्री हरिद्वार आए श्री जयराम आश्रम की भूमि को उन्होंने पवित्र किया ऐसे स्थान पर उनके प्रति श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर जयराम आश्रम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने अपनी श्रद्धा और  शिष्यत्व भाव प्रकट किया।  है इस अवसर पर दंडी स्वामी सहित संत जन उपस्थित रहे । 





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