जीवन जीने की कला सिखाती है रामायण
श्यामपुर /कांगड़ी 26 सितंबर ( वीरेंद्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार )
चिन्मयानंद बापू चिन्मय धाम गौशाला श्यामपुर में प्रारंभ हुई श्री राम कथा के प्रथम दिन परम पूज्य बापूजी ने कहा कि हमारे जीवन में रामचरितमानस का उतरना आज के समय में अति आवश्यक रामचरितमानस हमें जीवन जीने की कला सिखाती है भगवान राम के आदर्श जी हमें बताते हैं कि एक भाई पुत्र पति कैसा होना चाहिए कैसा उसको अपने परिवार में आचार और व्यवहार करना चाहिए यह सभी शिक्षा हमें रामचरितमानस से ही मिलती है रामचरितमानस के शुभारंभ में वंदना प्रकरण को लेते हुए परम पूज्य बापूजी ने भगवान गणेश और माता सरस्वती की वंदना करते हुए मानस की सुंदर चौपाइयों का गान करते हुए तथा को प्रारंभ किया परम पूज्य बापूजी ने कहा कि यह कथा ग्रामीण क्षेत्र में इसलिए रखी गई कि जो छोटे-छोटे गांव के वासी कथाओं से वंचित हो जाते हैं कथाओं से दूर हो जाते हैं और पथभ्रष्ट होकर कुमार घर जाते हैं ऐसे लोगों के बीच में आज के समय में कथाओं का गाना अति आवश्यक है और गौशाला की पवित्र भूमि पर कथा करने से आज जो संपूर्ण विश्व गौ माता के भयानक बीमारी लंपी से परेशान हैं उसके लिए भी परम पूज्य बापूजी ने व्यासपीठ के माध्यम से सभी भक्तों को गौ सेवा के लिए प्रेरित किया और आज के समय में गाय माता जो भयानक बीमारी से ग्रसित हो रही है उस से बचाने के लिए भी आवाहन किया Katha नित्य दोपहर 1:00 बजे से 4:00 बजे तक चलेगा और प्रातः सत्र में विशाल शतचंडी महायज्ञ का भी आयोजन नित्य नवरात्र के पावन दिनों में चलेगा
No comments:
Post a Comment