रुड़की में मनाया गया संघ का स्थापना दिवस




 !! व्यक्ति निर्माण में शाखा की अहम भूमिका!! 


रुड़की 6 अक्टूबर ( कमल किशोर डुकलान)  शक्ति की उपासना ही संघ की स्थापना का मूल उद्देश्य है। जब यह शक्ति सज्जन,देशभक्तों के हाथों में आती है,तो वह शोभा देती है,और जब दुष्टों के हाथों में जाती है,तो समाज में भय,संशय उत्पन्न होता है। 


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सांगठनिक जिला रूड़की द्वारा नेहरु स्टेडियम में संघ स्थापना दिवस पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व प्रांत प्रचारक संयुक्त प्रांत उत्तराखंड+मेरठ  एवं संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री अशोक बेरी ने कहा कि संघ अपने स्थापना काल 1925 से ही स्वयंसेवकों के बल पर राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक का शारीरिक, सामाजिक,आध्यात्मिक एवं बौद्धिक, सामाजिक समरसता,सामाजिक सदभाव के द्वारा सर्व समाज का सर्वागींण विकास के पथ पर अग्रसर है। 

स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए श्री अशोक बेरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्राण संघ की दैनंदिन लगने वाली शाखा है,जिसका दूसरा नाम कठिन तप,साधना है,जो संघ के प्रति निष्ठा रखने वाले स्वयंसेवक वे पिछले 97 वर्षों से अनवरत करते आ रहे हैं। 

आज इसी कठिन तप,साधना का परिणाम पूरी दुनिया देख रही है। कोई भी राष्ट्र तब तक विकास के पथ पर अग्रसर नहीं हो सकता जब तक उस राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक का सर्वागींण विकास नहीं हो जाता। संघ संस्थापक डाक्टर हेडगेवार जी के द्वारा संघ के स्थापना काल से ही स्वयंसेवकों के बल पर राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक का शारीरिक, सामाजिक,आध्यात्मिक एवं बौद्धिक, सामाजिक समरसता,सामाजिक सदभाव के द्वारा सर्व समाज का सर्वागीण विकास पर ध्यान देता आ रहा है। 

संघ स्थापना दिवस पर गणवेश धारी स्वयंसेवकों एवं संघ के प्रति निष्ठा रखने वाले उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री अशोक बेरी ने कहा कि संघ की स्थापना के पहले जो हिन्दू अपने आप को हिन्दू कहने मात्र से ही डरता था। आज विश्व स्तर पर संघ की शक्ति पाकर गर्व से वहीं हिन्दू अपने आप को हिन्दू कहता है। 

अभी दो दिन पूर्व नौ दिनों तक हमने नवरात्रि में मातृशक्ति के नौ रूपों का पूजन किया नवरात्रि नारी शक्ति का प्रकटीकरण का दिवस है। शक्ति की उपासना ही संघ की स्थापना का मूल उद्देश्य है। यही शक्ति जब सज्जन,देशभक्तों के हाथों में आती है,तो वह शोभा देती है,और जब दुष्ट व देशद्रोहियों के हाथों में चली जाती है,तो समाज में भय, संशय उत्पन्न होता है। 

केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री अशोक बेरी ने समय-समय पर संघ विरोधियों की संघ के बारे में सम्भ्रान्तियों के बारे में कहा कि ऐसे लोगों को संघ समझने के लिए संघ का तंत्र(शाखा) क्या है? इसे समझना पड़ेगा। संघ की एक घंटे की दैनंदिन लगने वाली शाखा हमें ऐसे संस्कार देती है जिससे हर देशभक्त के अंदर देश के लिए मर मिटने का जज्बा पैदा होता है। अगर संघ को समझना है तो पहले संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार को समझना होगा कि कैसे गुलामी के कालखंड में डाक्टर हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नामक स्वयं सेवी अनुशासित संगठन विश्व स्तर पर खड़ा किया। 

संघ स्थापना दिवस पर एकत्रीकरण कार्यक्रम में श्रीमान रामेश्वर कुलश्रेष्ठ माननीय विभाग संघचालक, श्रीमान प्रवीण कुमार गर्ग जी माननीय जिला संघ चालक,श्रीमान अनुज त्यागी विभाग कार्यवाह,श्रीमान किशलय सेनी प्रांत प्रचार प्रमुख,श्रीमान कलिराम भट्ट विभाग बौद्धिक प्रमुख 

जिला प्रचारक डाक्टर नरेन्द्र महता के दिशा निर्देशन में श्रीमान त्रिभुवन सैनी जिला कार्यवाह ने मंचासीन आगंतुक अतिथि एवं अधिकारियों का परिचय कराया। संघ स्थापना दिवस के उपलक्ष में आयोजित एकत्रीकरण कार्यक्रम में जिले के शाखा पर्यन्त अलग-अलग मंडलों से आये 700 पूर्णगणवेशधारी स्वयंसेवकों ने जिला शारीरिक प्रमुख श्री रोहित के नेतृत्व में नियमित शाखा पर प्रतिदिन होने वाले अनिवार्य कार्यक्रम व्यायाम योग, आसनों का प्रभाव पूर्ण प्रदर्शन किया।

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