गायत्री विद्यापीठ का वार्षिकोत्सव का समापन
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से विद्यार्थयों ने दिया जागरूकता का सन्देश
उत्सव पर हुई विभिन्न खेल प्रतियोगिताएँ, विजयी बच्चे हुए पुरस्कृत
हरिद्वार 30 नवंबर( अमरेश दूबे संवाददाता गोविंद कृपा ऋषि केश क्षेत्र)
गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज का दो दिवसीय 42वाँ वार्षिकोत्सव का मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समापन हो गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गायत्री विद्यापीठ के अभिभावक एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ.प्रणव पण्ड्या ने बच्चों के उत्साहवर्धन किया। साथ ही उन्होंने वार्षिकोत्सव में भागीदारी कर रहे सभी बच्चों की उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए संस्कारवान श्रेष्ठ नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर विद्यापीठ परिवार को दिये अपने संदेश में संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि बाल्यावस्था जीवन को गढ़ने और सँवारने का सर्वोत्तम समय है। इस दौरान परिवार ही नहीं, समाज और राष्ट्र के नवनिर्माण की भी नींव रखी जाती है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कु. स्तुति, एकता एवं सृष्टि की ग्रुप द्वारा प्रस्तुत बासुरी कृष्ण की बाजे प्रेम से राधा नाचे रे गीत के माध्यम से हरिद्वार में वृन्दावन का दर्शन कराते हुए श्रीकृष्ण लीला की सुन्दर प्रस्तुति दी, जिसे उपस्थित लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ विद्यार्थियों के उत्साह को बढ़ाया। देवभूमि की गढ़वाली समूह नृत्य में योगेश्वरी, सहज एवं आशा की टीम ने सभी को देवभूमि की संस्कृति से रूबरू कराया। स्वच्छ भारत विषय पर एकांकी प्रस्तुत करते हुए कृपा एवं संस्कार की टीम ने विकसित व सभ्य भारत बनने की दिशा में स्वच्छता पर विशेष जोर दिया। तो वहीं सिद्धार्थ, उद्भव, आदित्य की अगुवाई में बच्चों ने जल बचाने के विविध उपायों पर लघुनाटिका का मंचन किया। इस दौरान नन्हें-मुन्ने बच्चों की मनमोहक नृत्य ने उपस्थित लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर विद्यापीठ प्रबंध मण्डल की प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने सभी आभार प्रकट किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन शेव्या, हरवंश, अंशिका ने किया।
प्रधानाचार्य श्री सीताराम सिन्हा ने बताया कि खेल महोत्सव में नींबू दौड़, स्कूल के लिए तैयार होना, बोतल में पानी भरना, बतख दौड़, मेढ़क दौड़, रिले दौड़, गायत्री मंत्र लेखन, भारत का नक्शा पहचाना आदि प्रतियोगिताओं में बच्चों ने अपना कौशल दिखाया। बच्चे गिरते रहे, पर जोश में कमी आने नहीं दी और उन्होंने अपने लक्ष्य तक पहुँचकर ही दम लिया। विभिन्न खेलों के विजयी बच्चों को विद्यापीठ व्यवस्था मण्डल की प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या, प्रधानाचार्य श्री सीताराम सिन्हा आदि ने पुरस्कृत किया। समापन अवसर पर विद्यापीठ के समस्त शिक्षक व कर्मचारी एवं शांतिकुंज, हरिपुर कलॉ, हरिद्वार, भोपतवाला के छात्र-छात्राओं के अभिभावक उपस्थित थे।
विभिन्न खेलों में अव्वल रहे ये विद्यार्थी-
रुद्र, पीयूष, प्रभाती, सिया, सर्वेश, प्रसन्नजित, सरगम, अर्पिता, वंदित, सर्वज्ञ, रुचि, वैश्नवी, देवांश, सहज, प्रतिभा, कृष्णा, मनोज, भावना, अंत्र, विपुल, नितिश, अनुज, जिज्ञासा, तानिया, राजविन्दर, सागर, अविनाश, प्रियंका, रोहित, विक्की, भारती, अवनित, सत्यजीत, रिया, रणवीर, मेघा, अरूण, दिवस, साहिल, अभय, राशि, निमिश, वंश, कुमुद, नमन, सुमित, कशिश आदि ने अपने-अपने खेलों में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
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