नेपाल में राष्ट्रीय भावना सम्मेलन में जूना अखाड़े ने किया प्रतिभाग

 हरिद्वार 17 जनवरी ( गोपाल रावत वरिष्ठ पत्रकार ) श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के हिमालयन पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर वीरेंद्रा नंद गिरि महाराज ने नेपाल में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्र भावना दिवस में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए नेपाल भारत



मैत्री को अटूट बताते हुए कहा कि नेपाल व भारत भारतीय संस्कृति, वैदिक संस्कृति व पुरातन संत परंपरा के संवाहक है जो पूरे विश्व में मानव कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर श्री महंत वीरेंद्रानंद गिरि ने बताया कि काठमांडू में आयोजित इस राष्ट्रीय भावना सम्मेलन में राज परिवार के सदस्यों के साथ-साथ काफी बड़ी संख्या में वैदिक विद्वानों मनीषियों और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। सभी ने नेपाल और भारत के बीच संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ किए जाने व आपसी भाईचारे  को बनाए जाने पर बल दिया। महामंडलेश्वर वीरेंद्रा नंद गिरि महाराज ने कहा भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है। भारत व नेपाल अखंड मित्र राष्ट्र है ।कोई कितना प्रयास कर ले वह इन दोनों देशों के बीच कभी भी वैमनस्य नहीं पैदा कर सकता हैं। भारत ने हमेशा नेपाल का सम्मान किया है ।भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने अपनी सेना में केवल नेपाली लोगों के लिए गोरखा रेजीमेंट की स्थापना की है ।इस राष्ट्रीय सम्मेलन में कोकराझार असम के सांसद व भारत सरकार गृह मंत्रालय में श्रम समिति के सदस्य नवी कुमार ,जीएसटी कमिश्नर डॉ रमन विश्व अधिकार आयोग के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विष्णु प्रसाद वराल आदि ने भी भाग लिया।

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