रुड़की में महामहिम राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों में भरा जोश

रुड़की 19 जून ( अनिल लोहानी वरिष्ठ संवाददाता गोविंद कृपा रुड़की ) राष्ट्रीय सैनिक संस्था की रुड़की इकाई  द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया l  इसका मुख्य उद्देश्य सैनिक परिवारों को, संस्था द्वारा उनके एवं राष्ट्र के उत्थान हेतु



किए गए कार्यों के प्रति अवगत कराना और देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की दिशा में पूर्व सैनिकों को जागरूक करना था l

कार्यक्रम की शुरुआत गणेश स्तुति तत्पश्चात राष्ट्रीय गान से की गई l इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यपाल उत्तराखंड श्री गुरमीत सिंह , स्वामी चिदानंद सरस्वती जी , श्री राजन छिब्बर ,कर्नल टी पी त्यागी, कैप्टन सुरेश चंद त्यागी, राजेंद्र बगासी, विधायक प्रदीप बत्रा , पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन ने अपने अपने विचारो को रखा।

 अपने ओजस्वी भाषण में कर्नल टी पी त्यागी ने सरकार से अनुरोध किया कि सैनिक सीमा की रक्षा करने के साथ-साथ समय आने पर देश के अंदर आने वाली विभिन्न समस्याओं को निपटाने में में अपना योगदान देते हैं इसलिए आवश्यक है कि रिटायरमेंट के बाद पूर्व सैनिकों को देश से भ्रष्टाचार को दूर करने हेतु विभिन्न क्षेत्रों पर कार्यरत करना चाहिएl क्योंकि फौजियों के अंदर देश प्रेम राष्ट्रीयता, कर्तव्य निष्ठा एवं ईमानदारी कूट-कूट कर भरी होती है l आज हमारा समाज  भ्रष्टाचार रुपी आपदा से भरा है इसको दूर करने हेतु सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए और इस कार्य हेतु उन्हें पूर्व सैनिकों को मौका देना चाहिए l

अपने ओजस्वी भाषण में राजपाल श्री गुरमीत सिंह जी ने जय हिंद शब्द की व्याख्या करते हुए बताया कि यह शब्द साहस, शौर्य ,पराक्रम , राष्ट्र प्रथम और सैनिकों को देश के लिए मर मिटने को तत्पर करता हैl यह वह शब्द है जिसने हमें मुगलों और अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त करायाl उन्होंने पूर्व सैनिकों से अपने अंदर छुपे हुए गुणों को समझने एवं देश की खुशहाली के लिए उनका प्रयोग करने का आह्वान कियाl उन्होंने कहा सैनिकों में राष्ट्रीयता साधुवाद व सेवा के गुण भरे होते हैंl वे अध्यात्म और टेक्नोलॉजी का संगम होते हैं उनमें किसी भी कार्य को करने की क्षमता होती हैl

अपने ओजस्वी भाषण में स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने आवाहन किया कि हमें वसुदेव कुटुंबकम के सिद्धांत पर आगे चलते हुए आने वाले समय में भारत को ना केवल योग गुरु  अपितु विश्व गुरु बनाने में अपना योगदान देना चाहिए l प्राकृतिक संसाधनों पर सर्वप्रथम अधिकार अल्पसंख्यकों की जगह दिव्यांगों और शहीदों के परिवारों का होना चाहिएl  उन्होंने गुरमीत सिंह जी के पर्यावरण प्रेम कर्तव्यनिष्ठा एवं राष्ट्रीय प्रेम की सराहना की l

कार्यक्रम को के आयोजन में निम्नलिखित व्यक्तियों का सहयोग प्रशंसनीय है बृजेश त्यागी,सतीश नेगी ,राजेंद्र रावत सतीश धीमान, नवीन त्यागी विजय सिंह पवार अनिल लोहानी  एवं समस्त पूर्व सैनिक परिवारl

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