*इमैक समिति के स्थापना दिवस पर आयोजित हुई संगीत और काव्य गोष्ठी।*
हरिद्वार 28 जून ( वीरेंद्र शर्मा संवादता गोविंद कृपा हरिद्वार ) इमैक समिति जिसकी स्थापना संगीत, कला और सांस्कृतिक विरासत के प्रति प्रेम और लगाव के चलते हुई थी आज कला को सामाजिक विषयों के प्रति जनमानस को जागरूक करने में कर्मठता के साथ प्रयासरत है। समिति कला के प्रति संवेदनशील होने के साथ साथ अपने सामाजिक कर्तव्य का भी बेहद ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करने का प्रयास कर रही है।
समिति की स्थापना 2015 में हुई थी जिसके स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में कनखल स्थित 'स्वर गंगा अकादमी' में संगीत और काव्य कला गोष्ठी का आयोजन किया गया। मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर और मां के चरणों में पुष्प अर्पित कर मुख्य अतिथि और कलाकारों ने मां का आह्वान किया। स्वर गंगा एकेडमी के छात्रों अपराजिता रतूड़ी, पावनी भारद्वाज और अहान ने दीप प्रज्वलन में मंत्रों और मां शारदा के स्तुति के साथ गोष्ठी का शुभारंभ किया। तत्पश्चात समिति की होनहार युवा सदस्या अनन्या भटनागर ने अतिथियों का स्वागत अपने मधुर कंठ द्वारा स्वागत गीत के माध्यम से किया। जिसकी रचना समिति के ही आजीवन सदस्य गीतकार अभिनंदन गुप्ता द्वारा की गई है। समिति के संस्थापक अध्यक्ष आशीष कुमार झा ने सभी का स्वागत करते हुए समिति के उद्देश्य और समिति के पिछले आठ वर्षों के कार्यों को सभी के समक्ष रखा। साथ ही अपनी वाणी द्वारा समिति के भावों को दर्शाती हुई कुछ पंक्तियां गुनगनाई । हरिद्वार में बहुत समय से अनेकों कलाकारों को संगीत की कुशल शिक्षा प्रदान करते आए और शास्त्रीय संगीत के पुरोधा गुरु पंडित राजीव लोचन भट्ट जी मुख्य अतिथि के रूप में गोष्ठी में उपस्थित रहे। भट्ट जी ने समिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि संगीत के प्रति गहन आस्था और कला को सामाजिक विषयों के साथ जोड़ कर कार्य करने का अनूठा संगम अत्यंत मुश्किल से मिलता है। समिति को आशीर्वाद स्वरूप पंडित भट्ट जी का आशीर्वाद मिला और आपने अपनी मधुर आवाज द्वारा मां गायत्री एवम् मां शारदा को समर्पित शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति से सबको मंत्र मुग्ध भी किया। समिति के पदाधिकारियों द्वारा पंडित भट्ट जी को स्मृति चिन्ह और शॉल द्वारा सम्मानित किया गया। गोष्ठी में सुनील मुखर्जी ने "प्रभु जी अवगुण चित न धरो" भजन प्रस्तुत किया। भूदत शर्मा ने "है अमृत की धारा जिसे कहते हैं गंगा, इसके ही तो गोद में फहरे है तिरंगा" स्वरचित कविता का मधुर गायन प्रस्तुत किया। कवि अरुण पाठक ने अपनी रचना समिति को समर्पित करते हुए "चल चल रे पथिक तू चल, तेरी दूर नहीं मंजिल" स्वरचित गीत प्रस्तुत किया। गायक विपुल रुहेला ने अपनी मधुर आवाज में "दिल जो दर्द आशना नहीं होता, वो किसी काम का नही होता" गजल प्रस्तुत की। कवयित्री राजकुमारी ने "महादेव मृत्युंजय तुम ही हो, जग के पालनहार" और देशभक्ति पर अपनी रचना प्रस्तुत की। कवयित्री कल्पना कुशवाहा ने श्रृंगार रस की अपनी रचना "मैंने तुझको चाहा है, तुझसे ही है प्यार किया" प्रस्तुत की। कवि सुभाष मल्लिक ने अपनी रचना "मेरा मन चला गांव की ओर" से सबको भावविभोर किया। हरिद्वार के उभरते युवा गायक कुणाल धवन ने अपने मधुर आवाज में गीत प्रस्तुत किया। गायक गजेंद्र कौशिक ने "दिल न मिलते तो मुलाकात अधूरी रहती" गजल प्रस्तुत की। कवयित्री लक्ष्मी नेगी ने अपनी ओजस्वी वाणी में कविता पाठ किया। इसके अलावा संगीत शिक्षिका अमिता मल्होत्रा एवम् अर्चना ने भी मधुर प्रस्तुति दी। मुंबई से संगीत की शिक्षा ले रहे पीयूष कश्यप ने भी शास्त्रीय संगीत के साथ अपनी प्रतुति दी। तबला वादक निखिल घोष ने पंडित भट्ट जी एवम् अन्य कलाकारों के साथ संगत की। समिति की उपाध्यक्ष हेमा भंडारी ने सभी उपस्थित कलाकारों के समक्ष अपने विचार रखे। गोष्ठी के बाद सभी कलाकारों को उनके क्षेत्र में समर्पित होकर कार्य करने के लिए स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र प्रदान कर समिति द्वारा सम्मानित किया गया। गोष्ठी के अंत में समिति की सचिव डॉ० मौसमी गोयल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा की संगीत और कविताएं हमारे भावो को व्यक्त करने के सशक्त माध्यम है। जब हम खुश होते है या जब उदास होते हैं तो हमे सकारात्मक ऊर्जा देने का कार्य संगीत करता है। समिति का प्रयास रहेगा आगे भी इस प्रकार की गोष्ठी सभी के साथ मिलकर करते रहेंगे। गोष्ठी का कुशल संचालन डॉ० श्याम सिसोदिया ने अपनी मधुर और पारंगत हृदय स्पर्शी वाणी में किया जिसे सभी ने सराहा। आयोजन में उपस्थित रही साहित्यकार और पत्रकार राधिका नागरथ ने भी समिति की सराहना की। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष विभव भटनागर, कोर सदस्या सुनीता झा, समिति की सदैव सहयोग करने वाले पत्रकार और एडवोकेट कुलदीप खंडेलवाल और जितेंद्री खंडेलवाल के साथ इमैक समिति से राखी धवन, भूषण धवन, अजय ममगाईं, आयुष डंगवाल, आस्था गोयल, स्वाति उपाध्याय, शुभम, लक्ष्य, सक्षम, श्रुति, निधि भारद्वाज, श्यामल भारद्वाज, संदीप डोगरा आदि उपस्थित रहे।
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