हरिद्वार 30 जून ( संजय वर्मा ) गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के आई. क्यू. ए. सी. विभाग द्वारा "गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय कोड ऑफ कंडक्ट विषय पर वार्षिक जागरूकता कार्यक्रम" का आयोजन किया गया। उत्तराखंड सरकार में एडीशनल सेक्रेटरी रहे किशन नाथ ने मुख्य वक्ता के रुप में बोलते हुए कहा कि किसी भी संगठन की अपनी प्रकृति होती है उसी के अनुरूप नियम एवं उपनियम होते हैं। उन्हीं के द्वारा वह संस्थान परिभाषित होता है। गुरुकुल काँगड़ी की स्थापना आदर्श मूल्यों एवं संस्कृति पर आधारित होने के साथ-साथ यह नए भारत में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली प्रारंभकर्ता भी है। अतः यह देश और दुनिया के शिक्षण संस्थानों के लिए आदर्श भी है। साथ ही प्रत्येक संस्थान के कोड ऑफ कंडक्ट के अन्तर्गत इमानदारी, शुचिता और सत्यनिष्ठा ये तीन स्तम्भ महत्वपूर्ण होते हैं। इन्हीं के अनुपालन से संस्थान उन्नति की ओर अग्रसर होता है। जिन संस्थानों में ये तीनों इमानदारी, शुचिता और सत्यनिष्ठा का पालन किया जाएगा वह संस्थान समाज में प्रतिष्ठित हो जाएगा।
हमें इस विश्वविद्यालय के अंग होने
के नाते इस प्रकार व्यवहार करना है कि जिससे किसी को किसी प्रकार की असहजता, असुविधा न हो। हम संस्थान के लिए इस प्रकार बनें कि सब कोई हम पर गर्व करने वाले हों न कि संस्थान हमारे द्वारा किए गए कृत्यों से लज्जित हो। अतः विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित कोड ऑफ कंडक्ट का पालन करना प्रत्येक शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी का उत्तरदायित्व है।
इस अवसर पर आई क्यू ए सी के निदेशक प्रो विवेक कुमार ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी समविश्विद्यालय के कोड ऑफ कंडक्ट के तहत सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों एवं विद्यार्थियों को आचरण करके उत्कृष्टतम स्थिति उत्पन्न करनी है। हम यूजीसी एवं भारत सरकार के नियमों के अनुरूप नियमों का पालन करते हुए विश्वविद्यालय की उन्नति में अपनी भागीदारी निभा सकते हैं। उन्होने कहा कि शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों एवं विद्यार्थियों के व्यवहार उनके आचरण की परिपक्वता एवं कर्तव्यनिष्ठा से जुड़ी है। हम नियमों के अनुरूप आचरण करके व्यक्तिगत एवं संस्थागत हितों को कई गुना वृद्धि कर सकते हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ ऊधम सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. कर्मजीत भाटिया प्रो. एल पी पुरोहित, प्रो. नमिता जोशी, प्रो. मुकेश कुमार, डॉ कृष्ण कुमार, डॉ अजय मलिक, डॉ शिवकुमार, कुलभूषण पंकज कुमार, अंकित कुमार आदि उपस्थित रहे।
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