सप्त सरोवर क्षेत्र की नगर निगम कर रहा है उपेक्षा :- शिवदास दुबे
विगत 6 माह से अंधेरे में डूबा हुआ है सप्त ऋषि गीता कुटीर मार्ग
सप्त सरोवर मार्ग का है बुरा हाल जलभराव बनी एक बड़ी समस्या
हरिद्वार 28 जुलाई ( संजय वर्मा )
उत्तरी हरिद्वार का संत बाहुल्य क्षेत्र सरोवर नगर निगम एवं संबंधित विभागों की उदासीनता के कारण जलभराव ,खस्ताहाल सड़को जैसी समस्याओं से हमेशा घिरा रहता है , हरिद्वार के बड़े मंदिर और आश्रम उत्तरी हरिद्वार के सप्त सरोवर मार्ग पर स्थित है जहां पर आए दिन वी आई पी ,राजनेताओं का आना जाना लगा रहता है लेकिन फिर भी नगर निगम और विकास से संबंधित विभागों की उदासीनता के कारण सप्त ऋषि क्षेत्र को कठिनाई झेलनी पड़ रही है । गीता कुटीर के प्रबंधक शिवदास दुबे ने नगर निगम तथा सरकारी विभागों की उदासीनता पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि नगर निगम की लापरवाही के कारण पिछले 6 महीनों से सप्त सरोवर मार्ग स्थित सप्त ऋषि आश्रम से गीता कुटीर तक जाने वाला मार्ग अंधेरे में डूबा हुआ है ।इस अंधेरे का लाभ उठाकर असामाजिक तत्व यहां पर सक्रिय हो जाते हैं जिसके चलते लूटपाट जैसी घटनाएं होना आम बात है , उन्होंने नगर निगम के साथ-साथ पेयजल ,गंगा प्रदूषण नियंत्रण जैसे विभागों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी उदासीनता के कारण ही गंगा माता आई हॉस्पिटल से लेकर सप्त ऋषि आश्रम तक बरसात में जलभराव की समस्या से प्रतिवर्ष यहां के लोगों को दो-चार होना पड़ता है लेकिन न तो नगर निगम न ही लोक निर्माण विभाग, पेयजल निगम, गंगा प्रदूषण नियंत्रण विभाग इस और कोई ठोस कार्रवाई करता है जिसके चलते प्रतिवर्ष सप्त ऋषि आश्रम,अजर धाम आदि आश्रमों में जलभराव एक आम बात हो गई है उन्होंने कहा कि सप्त ऋषि आश्रम गीता कुटी मार्ग पर हमेशा सीवीर लाइन चौक रहती है जिसका कोई स्थाई समाधान अब तक नहीं हुआ है उन्होंने संबंधित विभागों, अधिकारियों ,राजनेताओं आदि से इस तरफ ध्यान देने का आग्रह करते हुए कहा कि सप्त सरोवर क्षेत्र हरिद्वार का मुख्य केंद्र है ।जिसकी देखभाल करना उन वीआईपी लोगों का कर्तव्य है जो यहां आकर संत जनों का आशीर्वाद तो लेते हैं लेकिन उनकी समस्याओं से हमेशा अनभिज्ञ बने रहते हैं शदाणी दरबार के मुख्य सेवक अमर सदानी, लाल माता मंदिर के संचालक भक्त दुर्गादास ,सप्त ऋषि आश्रम के प्रबंधक विनोद सैनी , समाजसेवी डॉ सीडी काला, राजपाल नेगी ,भूपेंद्र नेगी, अमित पांडे ,सुनीत रस्तोगी आ
दि ने भी सप्त सरोवर क्षेत्र की समस्याओं को नगर निगम ,पेयजल निगम ,गंगा प्रदूषण नियंत्रण विभाग ,लोक निर्माण विभाग आदि के द्वारा गंभीरता से ना लेने का आरोप लगाते हुएअपना रोष प्रकट किया।
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