पतंजलि का कृषि को डिजिटलाइज करने में है महत्वपूर्ण योगदान :- आचार्य बालकृष्ण




कृषि क्रांति के क्षेत्र में नया कीर्तिमान 

कृषि को डिजिटलाइज़ करने में पतंजलि के कार्यों की वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता


हरिद्वार, 12 सितम्बर। विगत कई दशकों से पतंजलि योगपीठ कृषि क्षेत्र में GFPs, जैविक उत्पाद तथा किसानों के आजीविका अभिवृद्धि हेतु निरंतर शोध कर रहा है। कृषि के डिजिटलीकरण में भी पतंजलि के कार्यों को वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता मिल रही है तथा पतंजलि कृषि क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसी कड़ी में वैश्विक स्तर की शोध पत्रिका Smart Agriculture Technology (Elsevier, USA) में एक शोध आलेख प्रकाशित हुआ है जिसमें कृषि को डिजिटलाइज़ करने में पतंजलि के प्रयासों की सराहना की गई है। यह Digital Agriculture के क्षेत्र में पतंजलि की प्रभावशाली पहचान को दर्शाता है।

इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि कृषि को डिजिटलाइज़ करने के लिए भारत सरकार प्रयासरत है। इस कार्य में पतंजलि ने हरित क्रांति तथा अन्नदाता ऐप विकसित करके किसानों की कृषि भूमि की जीयो मैपिंग व जीयो टैगिंग, खेत की मिट्टी की गुणवत्ता से लेकर जैविक खाद, उन्नत किस्म के बीज, कीटनाशक, मंडी संबंधी जानकारी व अन्य कृषि उत्पादों के बाजार संबंधी एक सम्पूर्ण समाधान एक जगह उपलब्ध कराया है।

उन्होंने कहा कि पतंजलि का अनुसंधान निश्चित रूप से किसानों की आय की अभिवृद्धि के लिए कार्य कर रहा है। एक ओर पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के कुशल वैज्ञानिकों की टीम निरंतर कृषि को उन्नत बनाने के लिए प्रयासरत है तो वहीं पतंजलि की आई.टी. की टीम कृषि को सरल बनाने हेतु संकल्पित है। हरित क्रांति व अन्नदाता ऐप यूजर फ्रैंडली हैं तथा इन्हें संचालित करना बहुत आसान है। ये ऐप किसानों के लिए वरदान सिद्ध हो रहे हैं। आचार्य जी ने कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों की टीम पर गर्व है।



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