पंडित आचार्य श्रीराम शर्मा जी ने किया साधकों का निर्माण :-राज्यपाल
देवसंस्कृति विवि में सक्रिय कार्यकर्त्ता सम्मेलन में राज्यपाल ने कहा
आप सब प्रभु के ब्रांड एम्बेसडर हैं
जब जीवन का सौभाग्य जागता है तब ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती हैः डॉ. चिन्मय पण्ड्या
राज्यपाल व वित्त मंत्री को स्मृति चिह्न व युगसाहित्य भेंट कर किया गया सम्मानित
हरिद्वार 19 सितंबर ( अमरेश दुबे संवाददाता गोविंद कृपा ऋषि के क्षेत्र )
राज्यपाल ले.ज. श्री गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि हम सब प्रभु के ब्रांड एम्बेसडर हैं। मैं एक सैनिक हूँ, इस पर मुझे गर्व है। गायत्री परिवार के संस्थापक पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने भी करोड़ों गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं को सृजन सैनिक के रूप में तैयार किया है। यह समाज में परिवर्तन लाकर रहेगा। ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है।
वे देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के मृत्युजंय सभागार में अखण्ड दीपक शताब्दी समारोह के अंतर्गत आयोजित सक्रिय कार्यकर्ता सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि गायत्री परिजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत विश्व गुरु बनकर उभरेगा और पूरे विश्व का मार्गदर्शन करेगा। भारत विकसित, आत्मनिर्भर और विश्वगुरु बनने की दिशा में तेजी से उभर रहा है। राज्यपाल ने कहा कि महापुरुषों के संकल्प कभी व्यर्थ नहीं जाते और पं श्रीराम शर्मा आचार्य की तप साधना से समाज का परिवर्तन संभव होता दिख रहा है, क्योंकि उनके बताये आदर्शों पर गायत्री परिवार सतत कार्य कर रहा है।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि जिस किसी व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य जागता है, तो उन्हें ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती है। जैसे नरेन्द्र के जीवन में स्वामी रामकृष्ण परमहंस के आने के बाद वे स्वामी विवेकानंद बने। डॉ. पण्ड्या ने कहा कि गायत्री परिवार के लाखों करोड़ों कार्यकर्त्ता समाजहित में कार्य कर रहे हैं। गायत्री परिवार समाज में आस्था संकट के अंधकार से ग्रस्त लोगों को जगाने का जुटा है। प्रतिकुलपति ने कहा कि समाज का बदलाव तभी संभव है, जब समझदार, ईमानदार व्यक्तित्व के धनी लोग आगे बढ़कर निःस्वार्थ भाव से जुटें। सक्रिय कार्यकर्ता सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि वित्त एवं शहरी विकास मंत्री श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने कहा कि गायत्री परिवार, शांतिकुंज से जुड़े लोग त्याग व तपस्या के साथ समाज के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह पारस को छूकर साधारण लोहा बेशकीमती हो जाता है, उसी भांति स्वयंसेवी की तरह अनुशासन में बंधकर जब आप त्याग व तपस्या के साथ आगे बढ़ेंगे, तब आपका मूल्य बहुत अधिक बढ़ जायेगा।
इससे पूर्व राज्यपाल महोदय व वित्त एवं शहरी विकास मंत्री श्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने राष्ट्र हित में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों की याद बने शौर्य दीवार पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के समापन से पूर्व राज्यपाल, मंत्री व अन्य अतिथियों ने पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित साहित्यों को वियतनामी भाषा में अनुवादित किताबों व अन्य का विमोचन किया। साथ ही भगवान गणेश की आरती की। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, पत्रकार एवं उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व पंजाब से आये चयनित कार्यकर्त्ता भाई बहिन सहित देसंविवि व शांतिकुंज परिवार मौजूद रहे। मंच संचालन डॉ. गोपाल कृष्ण शर्मा ने किया।
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