अखिल भारतीय साहित्य परिषद की संगोष्ठी में बही काव्य धारा

 हरिद्वार 25 सितंबर ( संजय वर्मा ) श्रीयुत श्रीधर पराड़कर जी तथा श्री पवन पुत्र बादल जी, सुनील पाठक, श्री सचिन प्रधान एवं तथा परिषद के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यों के निर्देशन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा संचालित नदी संस्कृत विषय पर संगोष्ठी के प्रथम दिन की संध्या में 2 सत्र आयोजित किए गए, जिसका कुशल संचालन डा विजय त्यागी ने तथा अध्यक्षता डा इंदुशेखर तत्पुरुष ने किया। संध्याकाल में काव्य सरिता का प्रवाह श्रोताओं के दिल को छू गया। कुशल संचालन के लिए डा. विजय त्यागी एवं सभी संचालकों को स्मृति चिह्न एवं गंगाजली के द्वारा स्मानित किया गया। दूसरे दिन लगभग 15 शोधपत्र का वाचन किया गया था लगभग एक शताब्दी पूर्व के साहित्यकार द्विवेदी युगीन पंडित पद्म सिंह शर्मा के साहित्य एवं तत्कालीन वस्तुओं की प्रदर्शनी  का भी आयोजन उनके प्रपौत्र वरुण जी के सहयोग से किया गया, परिषद ने भी इस प्रयास के लिए वरुण जी एवं डा सुशील त्यागी का स्मृति चिह्न एवं अंग वस्त्र से वरुण एवं समस्त शोधपत्र वाचकों का सम्मान एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।

द्वितीय सत्र की कुशल संचालक आरती पुंडीर ने नदी के विभिन्न नाम की वैज्ञानिकता भौगोलिक संदर्भ में स्पष्ट की। विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता एवं संचालन आरती पुंडीर, लक्ष्मी पाठक, नीरज नैथानी ने की। इस अवसर पर भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतो से  आशा वर्मा(उ.प्र.), ज्योत्सना सिंह(उ.प्र.), इंदुशेखर तत्पुरुष(राजस्थान), कृष्णलाल विश्नोई(राजस्थान), श्री सुभाष विश्नोई(राजस्थान), डॉ. मीनाक्षी मीनल(बिहार), डॉ. रवीन्द्र शाहाबादी(बिहार), डॉ. नन्द जी दुबे(बिहार), डॉ. नीता सक्सेना(भोपाल), डॉ. राजेश्वर राजू(जम्मू), श्रीरामगोपाल तिवारी(मध्यप्रदेश), डॉ. रतन मनेरिया(राजस्थान), शीतल कोकाटे(महाराष्ट्र), मंजू रेढु(हरियाणा), शिवनीत सिंह(हरियाणा), स्नेहलता शर्मा (राजस्थान), डॉ. भगवान त्रिपाठी(उड़ीसा), स्वाति (दिल्ली), डॉ. रामानुज पाठक(मध्यप्रदेश), चन्द्रिका प्रसाद मिश्रा(महाराष्ट्र), सपना जायसवाल(हिमाचल), रचना शर्मा(हिमाचल), शिव मंगल मंगल(उ.प्र.), रवीन्द्रनाथ तिवारी(उ.प्र.), नीलम (दिल्ली), ज्योति भूषण जोशी (गोवा), आदित्य कुमार गुप्ता (राजस्थान), डॉ. बलदेव मोरी (गुजरात), डॉ. दिलीप के. जोगल (गुजरात), डॉ. बलजीत श्रीवास्तव(उ.प्र.),डॉ. विपिन चन्द्र(राजस्थान) जैसे अखिलभारतीय ख्यातिप्राप्त विद्वानों के विचारों से श्रोतागण तथा समाज लाभान्वित होगा। साथ ही लब्धप्रतिष्ठित स्थानीय विद्वान् साहित्यकारों में डा. रेखा खत्री(श्रीनगर), लोकेषणा मिश्रा (हल्द्वानी), डॉ. शान्तिचन्द (खटीमा), अनुपमा बलूनी(श्रीनगर), डॉ. ऋतुध्वज(हरिद्वार), डॉ. अर्चना डिमरी (देहरादून), डॉ. नीरज नैथानी (श्रीनगर), डॉ. पुष्पा खण्डूरी (देहरादून), डॉ. केतकी तारा(अल्मोड़ा), पुष्पलता जोशी (हल्द्वानी), आरती पुण्डीर(श्रीनगर), डॉ. सुमन पाण्डे(लोहाघाट), डॉ. वन्दना (लोहाघाट), डॉ. अनीता टम्टा (लोहाघाट), डॉ. रोमा (खटीमा), डॉ. सोनिका (खटीमा), डॉ. दिनेश राम(लोहाघाट) आदि विद्वानो की उपस्थित गरिमामय रही। 


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