पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित कौशल प्रतियोगिता में विद्यार्थियोें ने दिखाया अपना कौशल
कुशलतापूर्वक कर्म करना ही योग है : प्रो0 महावीर अग्रवाल जी
हरिद्वार, 26 अक्टूबर। विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास पतंजलि विश्वविद्यालय का प्रमुख ध्येय रहा है। इसे ध्यान में रखकर संबद्ध एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान विभाग एवं प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विज्ञान संकाय के संयुक्त तत्वावधान में कौशल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें स्नातक, परास्नातक के विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं (मेंहदी, मिट्टी के बर्तन की सजावट, रंगोली, कार्ड बनाना एवं घर के अनुपयोगी वस्तुओं से उपयोगी वस्तुओं का निर्माण) में प्रतिभाग किया गया। कुल 106 विद्यार्थियों ने इन प्रतियोगिताओं हेतु अपना पंजीकरण करवाया एवं अपनी रचनात्मक कला का उत्साहपूर्वक प्रदर्शन किया।
प्रतियोगिता में मेंहदी, मिट्टी के बर्तन की सजावट, रंगोली निर्माण, कार्ड बनाना एवं घर के अनुपयोगी वस्तुओं से उपयोगी वस्तुओं के निर्माण सम्बन्धी प्रतियोगिता में क्रमशः नंदिनी, सोहिनी एवं ईशिका, रोशनी एवं ईशिका, शिवांगी, ऋषिका एवं मानसी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिह्न प्रदान किये गये।
कौशल प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि वैदिक विद्वान प्रो. महावीर अग्रवाल जी ने प्रतिभागियों सहित उपस्थित विद्यार्थी को जीवन में कौशल का महत्व विभिन्न संदर्भों के माध्यम से बताया। उन्होंने कहा कि जब कर्म में कुशलता का समावेश हो जाता है तो वही कर्मयोग बन जाता है। भारत स्वाभिमान (ट्रस्ट) के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी स्वामी परमार्थदेव ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे एवं विद्यार्थियों को नियमित स्तर पर इस प्रकार की प्रतियोगिताओं एवं सभी शिक्षकेतर गतिविधियों में भाग लेने के लिए अभिप्रेरित किया।
डॉ. अभिषेक, डॉ. अन्जू, डॉ. मोनिका, डॉ. भागीरथी एवं डॉ. आरती ने विभिन्न प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभाई। कार्यक्रम में विवि के कुलसचिव, विभिन्न संकायों के अध्यक्ष, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भाई राकेश सहित गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का कुशल समन्वयन एवं सफल संचालन डॉ. निवेदिता एवं डॉ. ललित चौधरी द्वारा किया गया।
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