जूना अखाड़ा की छड़ी यात्रा ऋषिकेश से बद्री केदार के लिए हुई रवाना


 छड़ी यात्रा से उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़़ेंगे-श्रीमहंत हरिगिरी


-जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी यात्रा ऋषिकेश से ‌हुई उत्तराखंड के केदार खंड और मानस खंड के पौराणिक तीर्थो के लिए रवाना 


-ऋषिकेश में संतों और  श्रद्धालुओं ने  छड़ी यात्रा का भव्य स्वागत कर लिया आशीर्वाद


ऋषिकेश,02 नवम्बर‌( अमरेश दुबे संवाददाता गोविंद कृपा ऋषिकेश )जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी‌  यात्रा का ऋषिकेश  के‌ तारामाता मंदिर ‌ में पंचदशनाम जूना अखाड़े  से जुड़े  संतों व श्रद्धालुओं ने शंखनाद और‌हर हर महादेव  के उद्धघोष के साथ भव्य स्वागत कर उनका आशीर्वाद लिया। बुधवार की‌ सुबह‌ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी, अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज व अखाड़े के अन्य संतो के नेतृत्व  में पहुंची छडी‌ यात्रा की जूना अखाडे  से संबध तारा‌‌ देवी मंदिर में  मंदिर के मंहत संध्या गिरी, मंहत सरस्वती गिरी, खुशी गिरी, संजय शास्त्री,ऋषिकेश गिरी, गंभीर सिंह मेवाड़, पंडित मुकेश, महाकाल गिरी, सत्यम ‌, महेश, श्री महंत रामेश्वर गिरी ने पूजा अर्चना की , जिसके  पश्चात छड़ी  यात्रा  ऋषिकेश के भरत मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, वीरभद्र मंदिर, चंदेश्वर मंदिर, त्रिवेणी घाट स्थित दुर्गा मंदिर के दर्शन करने के लिए पहुंची, उसके बाद छड़ी यात्रा उत्तराखंड के लिए रवाना हो गई । श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने इस दौरान कहा कि छड़ी यात्रा का उद्देश्य आमजन में धर्म जागरण व देवभूमि उत्तराखंड में तीर्थाटन व धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिए के साथ राज्य से लगातार हो रहे युवाओं के पलायन पर रोक लगाया जाना भी है। 

श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि इस यात्रा का प्रारंभ आदि शंकराचार्य ने ढाई हजार वर्ष पूर्व किया था, इस छड़ी यात्रा के माध्यम से सनातन धर्म की स्थापना के साथ चारों दिशाओं में मठो की स्थापना भी की थी। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस यात्रा का प्रारंभ बागेश्वर से किया गया है ,जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल में यात्रा कर ओम पर्वत और कैलाश मानसरोवर को तीर्थाटन  के साथ पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने के लिए वहां जाने वाले यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए किए जाने वाले सड़क निर्माण‌ की स्वीकृति देना है‌। मोदी के‌ इस कार्य से उत्तराखंड को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की हाल ही में की गई यात्रा और‌‌ छड़ी यात्रा के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति व पौराणिक तीर्थो के प्रति देश दुनिया में जिज्ञासा बढ़ी है। जिसके फलस्वरूप चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिससे सरकार को मिलने वाले राजस्व में वृद्धि के साथ लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को रोजगार के मिलने के‌‌ साथ पलायन पर  रोक लगेगी और उत्तराखंड का विकास  भी होगा। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा की अभी उत्तराखंड के दुर्लभ  क्षेत्रों में एम्स के साथ यूनिवर्सिटी खोले जाने की आवश्यकता है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो आल वेदर रोड बनाए जाने के साथ  ऋषिकेश से कर्ण प्रयाग तक रेल लाइन की सुविधा उपलब्ध करवाए जाने का संकल्प लिया है, वह भी राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।पवित्र छड़ी यात्रा के प्रमुख जूना अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने बताया कि जूना अखाड़े की चारों मढ़ियों के श्रीमहंतों की अगुवाई में पवित्र छड़ी  यात्रा का‌‌ समापन  गढ़वाल मंडल स्थित केदार खंड तथा कुमाऊं स्थित मानस खंड के समस्त पौराणिक तीर्थों  के‌ पश्चात 24 नवम्बर को मायादेवी मंदिर में होगा। 

गढ़वाल के प्रमुख स्थानों पर यात्रा रवाना होने से पहले स्वच्छता के प्रति प्रधानमंत्री के विचारों से प्रेरित होकर श्रीमहंत हरिगिरी, श्रीमहंत प्रेमगिरी, श्रीमहंत नारायण गिरी, श्रीमहंत केदारपुरी, महंत महेश पुरी, जूना अखाड़े के नवनियुक्त मंत्री रंजीतानंद गिरी,  साध्वी महंत योगेश्वर पुरी महंत महेश पुरी, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि,  आदि के नेतृत्व में अखाड़े के संतों ने ऋषिकेश  स्थित‌ त्रिवेणी  घाट पर भगवान ‌दतात्रेय‌ की मूर्ति  की‌ साफ सफाई कर पंचद्रब्य स्नान कर पूजा अर्चना की गई । इस यात्रा के माध्यम से नागरिकों को पर्यावरण की सुरक्षा और स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। ऋषिकेश से यात्रा फायर  ब्रांड महामंडलेश्वर ‌स्वामी नरसिंहमा नंद गिरी, छड़ी मंहत शिवदत गिरी, महेश पुष्कर राजगीरी, मंहत रतन गिरी, महंत आदित्य गिरी, महंत वशिष्ठ गिरी, मंहत आकाश गिरी, मंहत जनकपुरी ने यात्रा को गंगा पूजन के उपरांत रवाना किया।


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