मर्म चिकित्सा में अधिपति मर्म है सबसे महत्वपूर्ण :- डॉ सुनील जोशी
अंतर्राष्ट्रीय मर्म विज्ञान एवं मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभागी ले रहे हैं मर्म बिंदुओं का ज्ञान
हरिद्वार / गैंडीखता 22 दिसंबर (संजय वर्मा) अंतर्राष्ट्रीय मर्म विज्ञान एवं मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर में वैदिक आयुर्विज्ञान प्रतिष्ठान संस्थान के तत्वाधान में आयोजित पांच दिवसीय मर्म विज्ञान चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर के अंतर्गत उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ सुनील जोशी ने प्रतिभागियों को मर्म चिकित्सा के अंतर्गत महत्वपूर्ण मर्म बिंदुओं से अवगत कराया उन्होंने कहा कि मर्म चिकित्सा के अंतर्गत सिर के ऊपरी भाग में अधिपति मर्म अत्यंत महत्वपूर्ण है जिस पर आघात होने से व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है इसके अतिरिक्त उन्होंने तल हृदय मर्म की जानकारी देते हुए कहा कि इसको उत्प्रेरित करने से हृदय ,ब्लड प्रेशर आदि रोगों में चिकित्सा की जाती है साथ ही उन्होंने कहा कि शरीर में नाभी क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील होता है ,जब कभी भी सर्जरी की जाती है तब इस क्षेत्र को संवेदनशील मानते हुएऑपरेशन करना चाहिए प्रशिक्षण शिविर के अंतर्गत मर्म विशेषज्ञ विपिन चौधरी, शत्रुघ्न डबराल , विवेक चौधरी, श्याम सोनी आदि ने देश-विदेश से आए प्रतिभागियों को मर्म चिकित्सा में प्रयुक्त होने वाले मर्म बिंदुओं से परिचित कराते हुए उन्हें प्रयोगात्मक रूप से उन्हें उत्प्रेरित कर विभिन्न रोगों के इलाज को करना भी सिखाया , शिविर के तीसरे दिन जहा प्रतिभागियों ने स्वयं के मार्म बिंदुओं को उत्प्रेरित करना सीखा वहीइस विषय में ज्ञान भी प्राप्त किया।
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