यज्ञाश्व अग्नि प्रवेश के साथ डॉ चिन्मय पण्ड्या ने किया महायज्ञ का प्रारंभ
विश्वगुरु भारत हो, चलो कुछ जतन करें का संगीतमय जयघोष
वासंती उल्लास के साथ आध्यात्मिकता के रंग में डूबा मायानगरी
50 देशों से आये से लाखों लोगों ने अश्वमेध महायज्ञ में किया प्रतिभाग
अश्वमेध महायज्ञ में सैकड़ों संस्कार निःशुल्क सम्पन्न
जेपी नड्डा, देवेन्द्र फडनवीस, सुधीर मुनगंटीवार, मंगल प्रभात लोढा सहित बॉलीवुड के दिग्गजों ने डाली आहुतियां
हरिद्वार /नवी मुंबई, 22 फरवरी।
यज्ञाश्व अग्नि के साथ युवा आइकन डॉ चिन्मय पण्ड्या के प्रवेश और गायत्री परिवार की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी की घोषणा के साथ अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज के मार्गदर्शन में अश्वमेध महायज्ञ के दूसरा दिन का आरंभ विशिष्ट वैदिक मंत्रों संग देव आवाहन से हुआ। पर्यावरण संरक्षण, नारी सशक्तिकरण, नशा मुक्ति विश्व, मानव कल्याण, सहयोग-संगठन और सशक्त राष्ट्र निर्माण के संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य से भारत सहित 50 देशों से आये करोड़ों याजक/साधक बहनों-भाइयों ने 1008 हवन कुण्ड के महानुष्ठान अश्वमेध महायज्ञ में प्रत्यक्ष प्रतिभाग लिया। साथ ही पूरे विश्व में विभिन्न माध्यमों से हो रहे कार्यक्रम के सजीव प्रसारण से जुड़े करोड़ों की संख्या में साधक और साधिकाओं ने अपने-अपने स्थान से महायज्ञ में प्रतिभाग करते हुए यज्ञाग्नि में आहुति दी।
गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सपत्नीक डा. मल्लिका नड्डा महायज्ञ में प्रतिभाग किया और हवन कुंड में आहुति डाली। उनके साथ भाजपा राष्ट्रीय संगठन मंत्री शिवप्रकाश जी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कला एवं संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सपत्नीक श्रीमती सपना मुनगंटीवार, कौशल एवं रोजगार केबीनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावन कुड़े, भाजपा मुंबई महानगर अध्यक्ष आशीष सेलार, बॉलीवुड गीतकार समीर, गायक शंकर महादेवन, संगीत एवं गायक हिमेश रेशमिया और टीवी सीरियल महाभारत में भगवान लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले अभिनेता सुनील लहरी सहित बड़ी संख्या में अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी आहुति डाली। वैदिक मंत्र व गायत्री मंत्र के लगातार हो रहे उच्चारण से वातावरण भक्तिमय हो गया है। बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें बच्चे बूढ़े और महिला व पुरुष सभी शामिल है।
विश्व गुरु भारत हो, चलो कुछ जतन करें के संगीतमय जयघोष के मध्य इन दिनों महानगरी मुंबई में धर्म-आध्यात्म की पावन सरिता बह रही है। पूरा शहर वासंती उल्लास से सराबोर है। मानों मायानगरी का कोना-कोना अखिल विश्व गायत्री परिवार के आध्यात्मिकता और सामाजिक सरोकार के संकल्प को पूर्ण करने में अपनी आहुति दे रहा है।
गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त में गायत्री परिवार की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी की घोषणा के साथ अश्वमेध महायज्ञ में देव आवाहन का क्रम प्रारंभ हुआ। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के प्रकाण्ड विद्वानों के संगीतमय विशिष्ट मंत्रों के उच्चारण ने पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिकता का वातावरण निर्मित कर दिया। महायज्ञ स्थल पर पीतांबर पहने हजारों साधक-साधिकाएं आध्यात्मिकता डूब-उतरा रहे हैं। ब्रह्म मुहूर्त से आरंभ हुआ यह क्रम करीब छह घंटे तक अनवरत चला। एक तरफ जहां हजारों लोग श्रद्धा के रंग में डूबे दिखे, तो वहीं दूसरी ओर कई हजारों अश्वमेध महायज्ञ परिसर में राष्ट्र के सर्वाेत्कृष्ट उत्थान का भाव रख सामूहिक गायत्री मंत्र साधना में रत रहे। कार्यक्रम के विभिन्न माध्यमों से हो रहे सजीव प्रसारण से पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों ने मुंबई अश्वमेध महायज्ञ से अपने को जोड़ा और महायज्ञ के दूसरे दिन आरंभ हुए हवन यज्ञ में अपनी-अपनी जगह से अपनी-अपनी आहुति डाली और पर्यावरण संरक्षण, नारी सशक्तिकरण, नशा मुक्ति विश्व, मानव कल्याण, सहयोग-संगठन और सशक्त राष्ट्र निर्माण के संकल्प का संकल्प लिया।
अलौकिक और अद्भुत, भव्य और दिव्य, ना भूतो, ना भविष्यति। असीम एकाग्रता, शांति और अध्यात्म का अनुभव। अध्यात्म ज्ञान की ऐसी सरिता, जिसमें हर कोई हर वक्त डूबे रहना चाहता है, क्या बच्चा और क्या बुजुर्ग। सभी इस आध्यात्मिक ज्ञान सरिता से सराबोर होने को आतुर नजर आए। पूरा वातावरण हवन यज्ञ के महक से सुगंधित हो उठा।
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