भाजपाईयों ने मनाया श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस
॰ हरिद्वार 23 जून"जहां बलिदान हुए मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है, जो कश्मीर हमारा है वह सारे का सारा है, और जो कश्मीर हमारा है वह प्राणों से प्यार है" डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के यह ऐतिहासिक शब्द आज दिनांक 23 जून 2024 को जिला कार्यालय भारतीय जनता पार्टी हरिद्वार पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने दोहराए। आज देश भर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस को मनाया जा रहा है इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर उनकी स्मृति में व्याख्यान माला, गोष्ठी आदि का आयोजन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत हरिद्वार जिला भाजपा कार्यालय पर भी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की स्मृति में गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें सैकड़ो की संख्या में पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 1901 में श्री आशुतोष मुखर्जी के घर जन्मे प्रख्यात शिक्षाविद् जिन्होंने मात्र 33 वर्ष की आयु में यूनिवर्सिटी के कुलपति बनने का गौरव प्राप्त किया। ऐसे महान नेता ने अपनी छोटे से जीवन काल में ही न सिर्फ बंगाल में वित्त मंत्री का पद संभाला अपितु परम श्रद्धेय गुरु गोलवलकर जी के सानिध्य में राजनीतिक जनसंघ की स्थापना करने का भी गौरव उन्हें प्राप्त था। उनके नेतृत्व में भारतीय जनसंघ ने आज़ादी के बाद का पहला ही चुनाव लड़ते हुए मात्र तीन प्रतिशत वोट पाने के बावजूद लोकसभा में तीन सीट जिताकर राष्ट्रवाद की अलख जगाई। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक ही देश में दो निशान दो विधान दो प्रधान के संवेदनहीन निर्णय का विरोध किया और जब जवाहरलाल नेहरू ने उनकी इस राष्ट्रवादी मांग का संज्ञान नहीं लिया तो उन्होंने बिना परमिट के ही जम्मू कश्मीर में प्रवेश किया जहां रहस्यमय तरीके से 23 जून 1953 को उनकी मृत्यु हो गई मात्र 51 वर्ष की अल्पायु में ही डॉ मुखर्जी ने देश में एक प्रखर राष्ट्रवादी वक्त के रूप में अपनी पहचान बनाई और देश की एकता अखंडता के लिए संकल्पबद्ध होकर काम किया। हम सब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता उनके दिखाएं सिखाएं मार्ग पर आगे बढ़े, उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर हम भारतीय जनता पार्टी को नई ऊंचाई पर ले जाने का काम कर रहे हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की धारा 370 को हटाकर कश्मीर को पुनः राष्ट्रवाद की धारा में शामिल कराने का कार्य किया है। गोष्ठी को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष संदीप गोयल ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी हम सभी के प्रेरणास्रोत थे। उनका व्यक्तित्व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की राजनीति करने की प्रेरणा देता है उन्होंने सदा राजनीति में राष्ट्रवाद की कड़ी वकालत की जिस वजह से उनके अपने समकालीन नेताओं से कई मंचों पर मतभेद भी रहे किंतु वह कभी भी राष्ट्र प्रेम व देशभक्ति की अपनी भावना से अलग नहीं हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रानीपुर विधायक श्री आदेश चौहान ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें वल्लभभाई पटेल और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। नेहरु जैसे नेताओं की वजह से जिस प्रकार से कश्मीर का एक हिस्सा तुष्टिकरण की राजनीति की भेंट चढ़ गया इस प्रकार बंगाल और पंजाब भी आज हमारे देश का हिस्सा ना होते यह डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की ही देन है कि उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू की नीतियों का सामने खड़े होकर विरोध किया और देश को टुकड़े-टुकड़े होने से बचा लिया।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान से लेकर धारा 370 के हटने तक का जो सफर इस देश ने तय किया उसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी का कश्मीर में झंडा फहराने का आह्वान हो अथवा डोडा नरसंहार के खिलाफ डोडा आंदोलन हो सभी में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपना योगदान व बलिदान देते हुए देश की सीमाओं को कश्मीर में सुरक्षित करने में सफल हो पाए हैं। आज के कार्यक्रम में डॉ निशंक ने कार्यकर्ताओं को हरिद्वार लोकसभा सीट भारी मतों से जिताने पर भी बधाई दी और दस सालों तक दिए सम्मान प्यार के लिए सबका आभार व्यक्त किया। गोष्ठी में मुख्य रूप से जिला महामंत्री आशु चौधरी, आशुतोष शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ जयपाल सिंह चौहान, विमल कुमार, ओम प्रकाश जमदग्नि, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अम्बरीष गर्ग राजीव शर्मा, ब्लाक प्रमुख हर्ष दौलत, निपेंद्र चौधरी प्रदेश महामंत्री किसान मोर्चा योगेश चौहान, कामिनी सड़ाना, निर्मल सिंह, मनीष चौधरी, सचिन शर्मा, नकली सैनी, मोहित वर्मा, अमरीश सैनी, नवजोत वालिया, अभिनव चौहान, महिला मोर्चा जिला महामंत्री शीतल पुंडीर प्रीति गुप्ता, रेणु शर्मा, मंडल अध्यक्ष प्रणव यादव, मोहित शर्मा, सीमा चौहान, कैलाश भंडारी, नेपाल सिंह, नागेंद्र राणा। मनीष चौधरी, एजाज़ हसन, अनिल अरोड़ा, डॉ प्रदीप चौधरी, हरजीत सिंह, संजीव चौधरी आदि मौजूद रहे।
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