*स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के बयान पर संतों ने जताई आपत्ति, कहा - अनर्गल राजनीतिक बयान देना एक सन्यासी के लिए नहीं देता शोभा*
देहरादून, 18 जुलाई । केदारनाथ धाम में सोना चोरी को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज के सनसनीखेज बयान पर तमाम साधु- संतों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संतो ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को सलाह दी है कि उन्हें अनर्गल बयानबाजी कर अनावश्यक विवाद पैदा नहीं करना चाहिए। संतों ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया है।
*सोना चोरी होने का प्रमाण दें : श्री महंत रविंद्र पुरी*
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्री निरंजनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि केदारनाथ धाम सनातन धर्मावलंबियों की आस्था व विशवास का केंद्र है। वह अत्यंत पवित्र स्थल है। उसकी व्यवस्था व संचालन से जुड़े लोग समर्पित व निष्ठावान हैं। ऐसे में वहां से 230 किग्रा सोना चोरी होने का आरोप लगाना हर किसी को झकझोर रहा है। इसलिए अविमुक्तेश्वरानंद को सोना चोरी होने का प्रमाण देना चाहिए। अविमुक्तेश्वरानंद के पास सोना चोरी होने का कोई प्रमाण है तो उसे पुलिस अथवा कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें।
*पवित्रतम स्थल के लिए सिर्फ अफवाह उड़ाना अनुचित : शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद*
पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि श्री बदरीनाथ-केदारनाथ समिति एक जिम्मेदार समिति है, जो यात्रा का विधिवत संचालन करती है। किसी श्रद्धालु या किसी संत को आपत्ति या शक है तो मीडिया में शोर मचाने के बजाय संवैधानिक प्रक्रिया अख्तियार कर सक्षम स्तर पर जांच के लिए मांग करनी चाहिए। शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा कि मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का बयान भी मैंने सुना है। अध्यक्ष ने सारे तथ्य सामने रखे हैं और आरोप लगाने वाले को चुनौती दी है कि यदि उनके पास कोई आधार है या तथ्य है तो वह अदालत में जाएं, जनहित याचिका लगाएं, जांच कराएं। बेवजह बात का बतंगड़ न बनाएं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में करोड़ों-करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था है। ऐसे महान पवित्रतम स्थल के लिए सिर्फ बातें और अफवाह उड़ाना अनुचित है। इससे श्रद्धालुओं की श्रद्धा को आघात लगता है। जिसने भी वहां सोना दिया है, वो भाव-भक्ति से दिया है। राजनैतिक टिप्पणी करना गैर जिम्मेदाराना कार्य है।
*स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पर जांच बैठाई जाए : स्वामी आनंद स्वरूप महाराज*
शांभवी पीठाधीश्वर और शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बयान कितना तथ्यपूर्ण है और कितना सत्यता है, यह मैं नहीं कह सकता। मगर अविमुक्तेश्वरानंद महाराज राखी सावंत की तरह हर सप्ताह कोई न कोई सनसनी फैला देते हैं। पिछली बार आरोप लगाया गया कि सोने की जगह पीतल लगा दिया गया। अब आरोप लगाया जा रहा है कि 228 किलो सोना गायब हो गया। इस प्रकार रोज-रोज अनर्गल राजनैतिक बयान देना एक सन्यासी के लिए शोभा नहीं देता है। उन्होंने कहा कि अभी शंकराचार्य का विवाद समाप्त नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट में अभी मामला चल रहा है। उस पद पर स्टे है, फिर भी शंकराचार्य नाम का दुरुपयोग करके इस प्रकार का बयान देना निंदनीय और असहनीय है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से मांग की कि अविमुक्तेश्वरानंद महाराज पर जांच बैठाई जाए कि आखिर ये हर रोज इस प्रकार का बयान क्यों दे रहे हैं, अनर्गल प्रलाप क्यों कर रहे हैं।
*श्रद्धालुओं को भटकाने और सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र : महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज*
प्राचीन अवधूत मंडल के प्रमुख महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कांग्रेस प्रवक्ता के रूप में जिस प्रकार बयान दे रहे हैं, उन्हें कोई बयान देने से पूर्व वो प्रत्यक्ष आकर देखें कि चोरी जैसी कोई घटना हुई अथवा नहीं। केवल एक पार्टी को खुश करने के लिए अविमुक्तेश्वरानंद ऐसा कर रहे हैं। ये उनको शोभा नहीं देती। यह केवल श्रद्धालुओं को भटकाने और उत्तराखंड सरकार को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र है।
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