गुरु शिष्य को पारसमणि की तरह बहुमूल्य बनाता है ः डॉ पण्ड्या
गुरुपूर्णिमा श्रद्धा के आत्म निरीक्षण का दिन ः शैलदीदी
पंचांग 2025, आडियो बुक, दिशाबोध डॉक्यूमेंट्री आदि का विमोचन, बड़ी संख्या में गुरुदीक्षा व विभिन्न संस्कार निःशुल्क सम्पन्न
हरिद्वार 21 जुलाई।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि सद्गुरु ही शिष्य के जीवन का कायाकल्प करते हैं। गुरु शिष्य के जीवन को संवारते हैं, पारसमणि की तरह बहुमूल्य बनाते हैं। सद्गुरु के चरणों में बैठकर ही शिष्य की उन्नति होती है। सद्गुरु शिष्य के अंतर्मन को स्वच्छ व निर्मल बनाते हंै और शिष्यत्व के सच्चे गुण को विकसित करते हैं। गुरु शिष्य के जीवन में शिक्षक, गुरु व सद्गुरु के रूप में आते हैं।
युवाओं के प्रेरणास्रोत श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या शांतिकुंज में गुरुपूर्णिमा पर्व मनाने देश-विदेश से आये गायत्री साधकों को संबोधित कर रहे थे। गुरुगीता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सद्गुरु अपने का शिष्य को सद्ज्ञान देकर कायाकल्प करता है। युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के रूप में एक महान सद्गुरु हमारे बीच आयें, करोड़ों लोगों को दीक्षा दी और उन्होंने उनके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन किया। उन्होंने कहा कि गुुरुपूर्णिमा के अवसर पर गुरु का सदैव स्मरण व समर्पण के भाव निरंतर जीवित रखिये और श्रद्धा भाव को सतत बढ़ाने हेतु संकल्पित हो आगे बढ़े। श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने कहा कि आज का यह महापर्व त्याग और समर्पण का है। उन्होंने अपने सद्गुरु आराध्यदेव पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्यश्री के विचारों को जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया।
करुणामयी स्नेहसलिला श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि गुरुपूर्णिमा शिष्य के श्रद्धा का आत्म निरीक्षण, आरोहण का दिन है। समर्थ गुरु रामदास, पं श्रीराम शर्मा आचार्य जैसे सामर्थ्यवान सद्गुरु सदैव अपने शिष्य का कायाकल्प करते हैं और अपने शिष्यों को जीवन के तमाम समस्याओं के समाधान सुझाता है। संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि प्राचीन काल में सद्गुुरुओं ने जिस तरह अपने शिष्यों को श्रद्धावान, ज्ञानवान बनाने के साथ चहुंमुखी विकास किया, परिणामतः उनके शिष्य राष्ट्र व संस्कृति के विकास के लिए प्राणवान, ऊर्जावान हो संकल्पित होकर समाज के विकास में जुटते थे। आज ऐसे शिष्यों की महती आवश्यकता है, जो अपनी प्रतिभा, ऊर्जा को समाज के हित में लगा सकें।
इससे पूर्व श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने गुरुपूर्णिमा महापर्व का पर्व पूजन वैदिक पद्धति से किया। इस दौरान युगगायकों ने ‘जिनने अमर किया इतिहास आज हम उनकी जय गायें’ जैसे गुरुमहिमा-भक्तिगीत से सराबोर कर दिया। मुख्य कार्यक्रम का संचालन श्री श्याम बिहारी दुबे एवं डॉ गायत्री किशोर त्रिवेदी ने किया। सायं ब्रह्मवादिनी बहिनों ने दीपमहायज्ञ सम्पन्न कराया।
निःशुल्क हुए विभिन्न संस्कार
गुरुपूर्णिमा के अवसर पर युगऋषि पूज्य पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी के प्रतिनिधि के रूप में श्रद्धेय डॉ पण्ड्या व श्रद्धेया शैलदीदी ने सैकड़ों साधकों को गायत्री महामंत्र की दीक्षा दी। साथ ही पुंसवन, नामकरण, उपनयन सहित विभिन्न संस्कार बड़ी संख्या में निःशुल्क सम्पन्न कराये गये।
विशेष डॉक्यूमेंट्री, आडियो बुक आदि का विमोचन
गायत्री परिवार प्रमुखद्वय ने शांतिकुंज द्वारा तैयार की गयी विशेष डाक्यूमेंट्री, चेतना की शिखर यात्रा पुस्तक की आडियो बुक, व्यसन मुक्ति मार्गदर्शिका, शांतिकुंज पंचांग २०२५ आदि का विमोचन किया।
चालीस दिवसीय चान्द्रायण व्रत, वृक्षारोपण का शुभारंभ
पावन गुरुपूर्णिमा से प्रारंभ हो रहे चालीस दिवसीय चान्द्रायण व्रत के लिए भारत सहित कनाडा, आस्ट्रेलिया, अमेरिका आदि देशों के कई हजार साधक जुटे। इन साधकों को श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या जी ने संकल्पित कराया। वहीं शांतिकुंज के तत्वावधान में देश भर में वृहत स्तर पर वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया। यह अभियान पूर्व में चल रहे वृक्षारोपण अभियान के अतिरिक्त हैं।
देसंविवि का 44वाँ ज्ञानदीक्षा समारोह 22 जुलाई को
देव संस्कृति विश्वविद्यालय का 44वाँ ज्ञानदीक्षा समारोह 22 जुलाई को सम्पन्न होगा। इस समारोह में नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं को दीक्षित किया जायेगा। समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सहकारिता मंत्री डॉ. धनसिंह रावत होंगे, तो वहीं अध्यक्षता विवि के कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी करेंगे।
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