उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा संस्कृत प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ

हरिद्वार 13 नवंबर उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित जनपद स्तरीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिताओं का भव्य शुभारंभ संस्कृत अकादमी प्रेक्षागृह रानीपुर झाल में प्रारंभ हुई।
आज संपन्न हुई कनिष्ठ वर्ग की प्रतियोगिताओं में संस्कृत समूह नाटक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मारवाड़ कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज रुड़की, दूसरा स्थान श्री जगदेव सिंह संस्कृत महाविद्यालय सप्तऋषि, तीसरा स्थान एसएसडीपीसी गर्ल्स इंटर कॉलेज रुड़की, संस्कृत समूह गान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान श्री जगतगुरु श्री चंद्र संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार, दूसरा स्थान श्री मारवाड़ कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज रुड़की,तीसरा स्थान बी डी इंटर कॉलेज भगवानपुर, संस्कृत समूह नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज रुड़की, दूसरा स्थान श्री राम विद्या मंदिर इंटर कॉलेज श्यामपुर, तीसरा स्थान ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्य आश्रम संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार ने प्राप्त किया।
 वहीं संस्कृत वाद विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान
 श्री जगद्देवसिंह संस्कृत महाविद्यालय सप्तऋषि, दूसरा स्थान मां सरस्वती पब्लिक स्कूल बहादराबाद, तीसरा स्थान सत्यनारायण इंटर कॉलेज मखदुमपुर मंगलौर, संस्कृत आशु भाषण प्रतियोगिता में वैदिक संस्कृत महाविद्यालय खुब्बनपुर भगवानपुर, दूसरा स्थान आचार्य कुलम पतंजलि योगपीठ, तीसरा स्थान ब्रह्मचारी रामकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार वही श्लोक को उच्चारण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान ब्रह्मचारी रामकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार, दूसरा स्थान पीएम श्री अटल उत्कृष्टबालिका इंटर कॉलेज भौरी, तीसरा स्थान आर्मी पब्लिक स्कूल रुड़की ने प्राप्त किया।
 कनिष्ठ वर्ग की प्रतियोगिताओं के शुभारंभ अवसर पर उत्तराखंड सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिद्वार विधायक मदन कौशिक, भगवान दास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के उपाचार्य डॉ निरंजन मिश्रा, उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ वाजश्रवा आर्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
 इस अवसर पर मुख्य अतिथि मदन कौशिक ने कहा कि संस्कृत देव भाषा के रूप में विश्व विख्यात है उत्तराखंड प्रदेश देवभूमि के नाम से जाना जाता है और इस प्रदेश की द्वितीय राजभाषा संस्कृत भाषा है प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार संरक्षण संवर्धन के लिए  संकल्पबद्ध है संस्कृत में काम करने की बहुत सारी संभावनाएं हैं उन संभावनाओं की पूर्ति करने के लिए सरकार को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने पर बल देना चाहिए निश्चित रूप से आने वाले समय में संस्कृत अध्येता छात्र-छात्राओं के चौमुखी विकास के लिए प्रदेश सरकार नए विकल्पों पर विचार कर रही है उन्होंने कहा कि संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों को संसाधनों अल्पता होने के बाद भी वह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन बहुत अच्छे से कर रहे हैं उन्होंने इस प्रकार के प्रयासों के लिए संस्कृत अकादमी की प्रशंसा की उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए आम जनमानस को भी खड़ा होना होगा। 
संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ वाजश्रवा आर्य ने स्वागत भाषण देते हुए आए हुए अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश के 13 जनपदों में एक साथ आज से प्रतियोगिताएं प्रारंभ हुई हैं इन प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाले सभी छात्र सौभाग्यशाली हैं कि वह पहली बार संस्कृत अकादमी की प्रेक्षागृह में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं यह संस्कृत के लिए गौरव का विषय है उन्होंने कहा कि आने वाले समय में संस्कृत अध्ययन अध्यापन करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होने होगी क्योंकि प्रतियोगिताएं प्रतिभागियों के अंदर छुपी हुई प्रतिभा को आगे लाने में मददगार होती हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर निरंजन मिश्रा ने कहा कि संस्कृत भाषा में अथर्व ज्ञान भरा हुआ है उसे ज्ञान को आम जनमानस के सम्मुख लाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं का छात्रों के द्वारा प्रतिभा प्रदर्शन के माध्यम से जन जागरण किया जा सकता है उन्होंने कहा कि संस्कृत आम भाषा तब बनेगी जब हम उसे अपने व्यवहार में लेंगे यह अच्छा प्रयास अकादमी की माध्यम से किया जा रहा है आने वाला समय निश्चित रूप से संस्कृत का होगा। कार्यक्रम का संचालन जनपद कर संयोजक डॉक्टर विजय त्यागी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर हरीश तिवारी, डॉ प्रकाश चंद पंत, डॉ हरीश गुरुरानी, लीला रावत,डॉ प्रकाश जोशी, दो श्यामलाल गौर डॉ कुलदीप पंत, आचार्य हेमंत तिवारी, डॉ कंचन तिवारी, डॉ राकेश मढ़वाल, ललित चौहान सुश्री करुणा चौहान, प्रकाश तिवारी, कमलेश ध्यानी, दिवाकर गौड, ज्योति, उर्वशी पवार, डॉ पुष्पांजलि अग्रवाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। जनपद संयोजक डॉक्टर नवीन पंत ने बताया कि वरिष्ठ वर्ग की प्रतियोगिताएं कल प्रारंभ होंगे।

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