गुरुकुल आयुर्वैदिक कॉलेज में वितरित की गई संस्कृत पाठ्य पुस्तकें

*उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के गुरुकुल परिसर, हरिद्वार में संस्कृत अध्ययन केन्द्र, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के द्वारा पुस्तक वितरण कार्यक्रम का आयोजन ।

हरिद्वार 30 जनवरी उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के गुरुकुल परिसर, हरिद्वार में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के द्वारा संचालित संस्कृत अध्ययन केंद्र में पुस्तक वितरण का कार्यक्रम संपन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. पंकज कुमार शर्मा, डीन उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून, मुख्य अतिथि प्रो. अवधेश कुमार मिश्रा, विशिष्ट अतिथि प्रो. उत्तम कुमार शर्मा तथा कार्यक्रम संयोजक शीतल वर्मा तथा डॉ विपिन कुमार अरोड़ा की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ । प्रो. पंकज कुमार शर्मा जी, डीन उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून, ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा की संस्कृत आयुर्वेद की मूल भाषा है । यह ग्रंथों की भाषा के साथ-साथ व्यवहारिक भाषा भी है जो निरंतर अभ्यास से अपने जीवन में प्रयोग की जा सकती है। प्रो. अवधेश कुमार जी ने कहा आयुर्वेद को यदि मूल रूप से समझना है तो संस्कृत भाषा के माध्यम से ही समझा जा सकता है । इसी क्रम में प्रो. उत्तम कुमार शर्मा ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के द्वारा संचालित पाठ्यक्रम से सरलतम तरीका से जन-जन को संस्कृत सीखने का आह्वान किया, और कहा की केवल छात्र ही नहीं प्रत्येक आयु वर्ग के व्यक्ति विशेष को भी संस्कृत सीखनी चाहिए जिससे सभी भारत को एवं भारत की मूल संस्कृति को पहचान सके । कार्यक्रम के संयोजक डॉ विपिन कुमार अरोड़ा ने अतिथियों का स्वागत किया एवं डॉ. शीतल वर्मा जी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम का संचालन केन्द्र के शिक्षक डॉ. राजेश शर्मा के द्वारा किया गया।

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