पूर्व राजदूत देश विदेश से आए चिकित्सकों को दे रहे हैं मर्म चिकित्सा का प्रशिक्षण
अंतर्राष्ट्रीय मर्म चिकित्सा विज्ञान प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन पोलैंड में भारत के राजदूत रहे सी एम भंडारी ने अंतरराष्ट्रीय मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षणार्थियों को बताएं मर्म बिंदुओं को उत्प्रेरित करने के गुढ रहस्य
मृत्युंजय मिशन के तत्वाधान में विलुप्त हुई मर्म चिकित्सा को पुनः देश-विदेश में प्रचारित प्रसारित एवं प्रतिष्ठित करने का हो रहा है भागीरथी प्रयास
हरिद्वार /गैंडी खता 18 फरवरी मृत्युंजय मिशन के तत्वाधान में विगत दो दिनों से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर में पोलैंड में भारत के राजदूत रहे चंद्र मोहन भंडारी ने योग एवं प्राणायाम की दैनिक जीवन में महत्वता के विषय पर सभी प्रशिक्षणार्थियों को अमूल्य ज्ञान देते हुए दैनिक जीवन में इसके महत्व के विषय में जानकारी दी और उन्हें योग अभ्यास योगासन भी सिखाए सीएम भंडारी ने मर्म चिकित्सा के विषय में अपने अनुभव बताते हुए कहा कि बरसों पहले डॉ सुनील जोशी के संपर्क में आने के पश्चात उन्हें इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति का ज्ञान हुआ जिसका उन्होंने देश-विदेश में प्रचार करते हुए स्वयं भी अनुभव किया कि यह एक चमत्कारिक दुष्प्रभाव रहित तथा तुरंत असर करने वाली चिकित्सा पद्धति है उन्होंने शिविर में प्रतिभाग कर रहे प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न मर्म बिंदुओं को उत्प्रेरित करने एवं विभिन्न असाध्य रोगों में उनके प्रभाव के विषय में भी जानकारी दी उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं देश-विदेश में मर्म चिकित्सा को पुनः प्रतिष्ठित करने वाले डॉक्टर सुनील जोशी ने मर्म प्राणायाम , मर्म आसनों के विषय में विस्तार से समझाया तथा उसका उपयोग और लाभ भी बताया उन्होंने कुछ विशेष आसानो अधिपति मर्म से लेकर शिप्र, इंद्र वस्ती ,जानू, गुल्फ तथा कमर में स्थित मार्मों को जैसे अंश, अंश फलक कुकुंदर,अणी, उर्वी आदि मर्मों के बारे में विस्तार से बताया तथा किस मर्म बिन्दु को उत्प्रेरित करने पर कौन से रोग में लाभ होता है इसका ज्ञान भी प्रशिक्षणार्थियों को दिया ।
मर्म ,योग और प्राणायाम इन तीनों के पारस्परिक संबंध को विस्तार से बताया । डॉ सुनील जोशी, डॉ विपिन चंद्र ,डॉ संदीप सुमन ,मयंक जोशी, विवेक चौधरी ,शत्रुघ्न डबराल, विपिन चौधरी, चंद्रकांत आदि ने कर्नाटक बेंगलुरु ,मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र ,असम ,गुजरात ,दिल्ली तथा ब्रिटेन से आए 67 प्रशासनार्थियों को मर्म चिकित्सा के रहस्यो से अवगत कराया साथ ही प्रैक्टिकल के द्वारा शरीर में स्थित 107 मर्म बिंदुओं की पहचान और उनको उत्प्रेरित करने का तरीका भी बताया गया, इस प्रशिक्षण शिविर के संयोजक मयंक जोशी ने बताया कि 16 फरवरी से शुरू हुए 6 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर का समापन 21 फरवरी को प्रमाण पत्र वितरण के साथ होगा
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