संभाव आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद महाराज को दी गई श्रद्धांजलि उनकीे शिष्या राधा माता का हुआ पटाभिषेक

धर्म, संस्कृति के सच्चे संवाहक थे स्वामी प्रेमानंद महाराज : म.मं. स्वामी ललितानन्द गिरि
सम्भाव आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद महाराज को संत-महंतों व गणमान्यजनों ने भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित कर उनकी शिष्या साध्वी माता रोहिणी शर्मा (राधा माता) को महंताई चादर तिलक कर किया गद्दीनशीन
हरिद्वार, 10 अप्रैल। उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री सम्भाव आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद महाराज को संत-महंतों व गणमान्यजनों ने भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए उनकी शिष्या साध्वी माता रोहिणी शर्मा (राधा माता) को महंताई चादर तिलक कर गद्दीनशीन किया। 
श्रद्धाजंलि समारोह व तिलक चादर के मौके पर म.मं. स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद महाराज को भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि प्रेमानंद महाराज का समूचा जीवन धर्म, संस्कृति की रक्षा व सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित रहा। उन्होंने सदैव धार्मिक व सामाजिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर योगदान दिया। अपने कथा, सत्संग के माध्यम से उन्होंने देश-विदेश में भारतीय संस्कृति की पताका फहराने का कार्य भी किया।
श्री वैष्णव अखाड़ा के श्रीमहंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि साकेतवासी प्रेमानंद महाराज का जैसा नाम था वैसा ही काम था। उन्होंने जीवन भर गौ, गंगा, गीता एवं संत समाज की सेवा करते हुए अपने भक्तों, अनुयायियों को देश, धर्म संस्कृति के प्रति सेवा, समर्पण की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि संतांे का जीवन गंगा की तरह शीतल और निर्मल होता है। साध्वी माता रोहिणी शर्मा (राधा माता) का जीवन भी गंगा की तरह प्रेरणादायी हैं। स्वामी प्रेमानन्द जी के सेवा प्रकल्पों व परम्पराओं को आगे बढ़ाते हुए उनकी उत्तराधिकारी साध्वी माता रोहिणी शर्मा (राधा माता) की आज महंताई तिलक चादर संत समाज की उपस्थिति में सम्पन्न हुई है। निश्चित रूप से स्वामी प्रेमानंद महाराज के पश्चात वह हरिद्वार, पीपलकोटी में स्थापित आश्रमांे की व्यवस्थाओं को बेहतर रूप से संचालित कर संस्था को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी। 
भाजपा नेता अनिरुद्ध भाटी ने कहा कि स्वामी प्रेमानंद महाराज का जीवन अत्यन्त उदार, सेवाभावी व धर्म परायण था। जहां वह अपने प्रवचन व कथाओं के माध्यम से देश के कोने-कोने में हिन्दू संस्कृति के संवाहक के रूप में कार्य करते थे वहीं दूसरी ओर उन्हांेने हरिद्वार व बद्रीनाथ मार्ग पर पीपलकोटी में विशाल आश्रम व स्कूल की स्थापना कर तीर्थयात्रियों की सेवा व सुदूर क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगायी। 
म.मं. स्वामी कमलेशानंद सरस्वती व महंत मोहन सिंह ने कहा कि स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने जीवन भर समाज को सनातन धर्म संस्कृति की सेवा का पाठ पढ़ाया। उन्होंने सम्भाव आश्रम की साध्वी माता रोहिणी शर्मा (राधा माता) को महंताई चादर तिलक कर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह स्वामी प्रेमानंद महाराज के पदचिन्हों पर चलते हुए संस्था को उन्नति की ओर अग्रसर करेंगी।
इस अवसर पर म.मं. कमलेशानंद सरस्वती, महंत प्रहलाद दास, महंत तीरथ सिंह, महंत कमल मुनि, महंत मोहन सिंह, महंत राजेश्वर, राजेंद्र भारती, महंत भगवान गिरि, महंत धनेश्वर दास, महंत गुरमाल सिंह, स्वामी धर्मदेव, भाजपा नेता अनिरुद्ध भाटी, पार्षद आकाश भाटी, पार्षद प्रतिनिधि विदित शर्मा, दिनेश शर्मा, सुखेन्द्र तोमर, आचार्य मनोज कुुमार गहतोड़ी, राघव ठाकुर, रोहित साहनी, अश्विनी शर्मा, रामचरण वर्मा, सुरेश राठौर, गौरव शर्मा, हन्नी अग्रवाल, शिवकुमार सैनी, गौरव पाल, तारा चंद, सहित संतों-महंतों व श्रद्धालु भक्तों ने श्रद्धाजंलि अर्पित कर साध्वी माता रोहिणी शर्मा (राधा माता) को महंताई चादर तिलक किया।

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